Saturday, February 15, 2014

उप्र अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी
जो ग्रेजुएट नहीं, उनको करना होगा इंतजार

लखनऊ। प्रदेश के 1.70 लाख शिक्षा मित्रों को बिना टीईटी के ही सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाएगा। उन्हें सहायक अध्यापक का वेतनमान मिलेगा। 60 साल तक की उम्र वाले शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक बन सकेंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षा मित्रों को समायोजित करने के लिए उ.प्र. अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। जल्द ही समायोजन का शासनादेश जारी किया जाएगा।

कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक के पद पर ही समायोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा, कैबिनेट में मंजूर की गई संशोधित नियमावली में शिक्षा मित्रों को दो साल की ट्रेनिंग के बाद सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किए जाने का प्रावधान किया गया है। ट्रेनिंग जैसे-जैसे पूरी होती जाएगी, उन्हें समायोजित किया जाता रहेगा। 60 हजार शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है जबकि 64 हजार की जल्द ही पूरी हो जाएगी।