उर्दू शिक्षकों की तैनाती में हीलाहवाली, अभ्यर्थी हो रहे परेशान
नियुक्ति पत्र वापस मांग रहा विभाग
मऊ।
उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसिलिंग के बाद नियुक्ति पाए 23 मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को
शिक्षा विभाग ज्वाइनिंग देने में हीलाहवाली कर रहा है। इनमें से 20 अभ्यर्थियों से विभाग के अधिकारी और
बाबू ने नियुक्ति पत्र वापस भी ले लिया है। तीन अभ्यर्थियों ने नियुक्ति पत्र वापस
नहीं किया, तो उन्हें परिणाम भुगतने की धमकी दी जा
रही है।
11-08-1997 से पूर्व मोअल्लिम -ए-उर्दू की उपाधि
हासिल करने वालों को बीटीसी के समकक्ष मान लिया गया है। इन उपाधिधारकों को करीब 11 वर्ष तक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद यह
हक हासिल हुआ है। उर्दू शिक्षकों की भर्ती के तहत काउंसिलिंग के बाद 15 जनवरी को 23 अभ्यर्थियों को बतौर उर्दू टीचर
नियुक्ति का पत्र मिला। इन्हें दस दिन के भीतर निश्चित प्राथमिक विद्यालयों में
ज्वाइन करना था। जब अभ्यर्थी अपना नियुक्ति पत्र लेकर बीएसए कार्यालय गए तो
अधिकारी और उर्दू बाबू उन्हें जाड़े की छुट्टी का बहाना बनाकर दौड़ाते रहे। इस बीच
कार्यालय के उर्दू बाबू तथा एबीएसए चंद्र भूषण ने अभ्यर्थियों से उनके नियुक्ति
पत्र यह कहकर ले लिए कि मुख्यमंत्री ने नियुक्ति रद कर दी है। कुछ दिन बाद संशोधित
आदेश आएगा, तब आप लोगों को तैनाती के लिए नियुक्ति
पत्र फिर जारी किया जाएगा। लेकिन तीन अभ्यर्थी मु. अजहर, मु. आजम तथा निजामुद्दीन अंसारी ने
अपने नियुक्ति पत्र कार्यालय को नहीं सौंपे। तीनों अभ्यर्थियों का कहना है कि
नियुक्ति पत्र वापस मांगने का वाजिब कारण बीएसए या एबीएसए कोई नहीं बता रहा। उर्दू
बाबू भी इस बारे में सही जानकारी नहीं देते। परेशान अभ्यर्थियों का कहना है कि जब
उन्होंने विभाग से जवाब मांगते हुए नियुक्ति पत्र वापस करने से मना कर दिया तो
उन्हें अधिकारी और बाबू परिणाम भुगतने की चेतावनी दे रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना
है कि यदि उनके नियुक्ति पत्र में कुछ गड़बड़ी है, तो इसेे स्पष्ट करना चाहिए।
23 मोअल्लिम को नियुक्ति का
पत्र मिला है
20 से वापस ले लिए गए हैं
नियुक्ति पत्र
तीन ने नियुक्ति पत्र वापस करने से किया मना, मिली चेतावनी
नियुक्ति पत्र वापस मांगने का कारण नहीं बता रहे अधिकारी
बीएसए ने कहा,
पूर्व के अधिकारी ने की है गड़बड़ी
बीएसए
राम बचन सिंह यादव ने कहा कि पूर्व के अधिकारी ने गड़बड़ किया है। इसलिए जांच के
लिए नियुक्ति पत्र वापस मांगा जा रहा है। एबीएसए चंद्र भूषण ने कहा कि इस बारे में
बीएसए ही कुछ बता सकते हैं जबकि उर्दू बाबू ने कहा कि अधिकारी के कहने पर वे ऐसा
कर रहे हैं। बीएसए, एबीएसए तथा उर्दू बाबू तीनों ही
नियुक्ति पत्र वापस मांगने के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं।
•मुहम्मद आजम का नियुक्ति
पत्र।
साभार अमरउजाला