एमडीएम पर 'उधार' की फांस
Updated on: Mon, 09 Dec 2013 01:01
AM (IST)
प्रभारी प्रधानाध्यापक विरेंद्र चौहान का कहना है कि ग्राम प्रधान
स्वयं भोजन नहीं बनवा रहे हैं। दूसरी तरफ ग्राम प्रधान गुलाब का कहना है कि बकाये
कनवर्जन राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। दुकानदारों का कर्ज बढ़ता जा रहा है। ऐसी
स्थिति में मिड डे मील कैसे संचालित हो, कहां से बच्चों के लिए
भोजन का निर्माण कराया हो।
ज्ञातव्य है कि मिड डे मील में कनवर्जन राशि शासन से भुगतान होता है।
कनवर्जन राशि से ही स्कूलों में खाद्यान्न छोड़ यानी सब्जी, मसाला, तेल आदि की खरीद होती है। खंड शिक्षा अधिकारी
अरविंद यादव के भी संज्ञान में है कि जूनियर विद्यालय छितौना में बच्चों के लिए
भोजन नहीं बन रहा है। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामले को दिखवाते हैं।
जिम्मेदार लोगों की उदासीनता से बच्चों को जहां भोजन नहीं मिल रहा है
वहीं अभिभावक भी रोष में हैं। गांव के भूतपूर्व सैनिक लालजी यादव का कहना है कि
ग्राम प्रधान, विद्यालय के प्रधानाध्यापक से मिलकर शिकायत भी कर
चुका हूं लेकिन परिणाम कुछ भी नहीं निकला। अब शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो डीएम का
दरवाजा खटखटाएंगें। स्कूल में पिछले कई दिनों से हैंडपंप भी खराब है। बच्चों को
पानी पीने के लिए दूर जाना पड़ता है। प्रधानाध्यापक का कहना है कि इसकी शिकायत की
गई पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।