Tuesday, December 10, 2013


विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को विभिन्‍न्‍ा संगठनों ने अखिलेश सरकार पर अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए धरना-प्रदर्शन किया। इसी क्रम में वित्तविहीन शिक्षक, ग्राम रोजगार सेवक व यूनानी डॉक्टर विधानभवन के सामने पहुंचे। वहीं, मानवाधिकार उल्लंघन में अव्वल यूपी पुलिस ने मानवाधिकार दिवस के एक दिन पूर्व शिक्षकों पर जमकर लाठियां भांजीं।

वित्तविहीन शिक्षकों पर बरसीं लाठियां

विधानभवन के सामने प्रदर्शन पर पुलिस ने दौड़ाकर पीटा, महिला शिक्षकों समेत कई को आईं गंभीर चोटें, गिरफ्तारी भी हुई

 


लखनऊ। विधानभवन के सामने सोमवार को प्रदर्शन कर रहे माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। तय मानदेय की मांग पर विधानभवन का घेराव कर रहे सैकड़ों शिक्षकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। कई फरियादियों को गंभीर चोटें आईं है। इनमें महिला शिक्षक भी शामिल हैं। बाद में पुलिस प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन लाई और उन्हें देर शाम रिहा कर दिया गया।

माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के बैनर तले प्रदेश अध्यक्ष चौधरी रामवीर सिंह व जिला अध्यक्ष राम निवास यादव के नेतृत्व में चारबाग से विधानभवन तक रैली निकालकर शिक्षकों ने विधानभवन का घेराव किया। शिक्षकों का कहना था कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव पूर्व शिक्षकों को मानदेय दिए जाने का वादा किया, लेकिन सरकार बनने के बाद वादा भूल गए। नाराज शिक्षक विधानभवन मार्ग पर पूरी तरह से कब्जा जमाकर नारेबाजी करने लगे और फिर वहीं धरने पर बैठ गए। दोपहर 12 बजे से जमा शिक्षकों की एक सूत्रीय मांग के साथ जिद्द थी कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आएं और मानदेय पर किए गए अपने वादे को पूरा करें।

यह हंगामा तीन बजे तक चलता रहा। इस दौरान प्रशासन व पुलिस के अधिकारी फरियादियों को मनाने का प्रयास करते रहे। कई प्रयास के बाद भी शिक्षक हटने को तैयार नहीं हुए और मुख्यमंत्री व सरकार विरोधी नारेबाजी करते रहे। इसके बाद पुलिस ने शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया। फरियादियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कई प्रदर्शनकारी जमीन पर गिर गए और उन्हें गंभीर चोटें आईं। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर पुलिस लाइन्स भेज दिया। गिरफ्तार हुए चौधरी रामवीर सिंह ने कहा कि गिरफ्तारी व बर्बर लाठीचार्ज से शिक्षक कमजोर नहीं होंगे बल्कि उन्हें और बल मिला है। अब आंदोलन और तेज होगा।

राजधानी में विधानभवन के सामने सोमवार को मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे उप्र वित्तविहीन शिक्षक संघ के सदस्यों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं। इस दौरान कुछ शिक्षकों को गंभीर चोटें आईं।