Wednesday, December 18, 2013


104 शिक्षकों के नेट सर्टिफिकेट फर्जी मिले

 अमर उजाला ब्यूरो

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों में नेट के फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे 104 शिक्षक नौकरी करते पाए गए हैं। इन सभी का एप्रूवल निरस्त कर दिया गया है। जिन कालेजों से ये शिक्षक संबद्ध हैं, उन्हें नोटिस भी जारी किया गया है। यह मुद्दा विश्वविद्यालय के सभागार में मंगलवार को हुई कार्य परिषद की बैठक में जोरशोर से उठा। यही नहीं, बैठक में महिला सेल नियमावली बनाने के लिए कमेटी का गठन करने के अलावा विभिन्न संकायों में तैनात चार शिक्षकों का अवकाश बढ़ाने पर भी सहमति जताई गई। कुलपति प्रो. सुंदरलाल की अध्यक्षता में हुई कार्य परिषद की बैठक में सर्वप्रथम यूजीसी से आए नेट (राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) संबंधी पत्र पर विचार किया गया। पत्र में बताया गया है कि शिक्षा शास्त्र और गृह विज्ञान में 104 शिक्षक फर्जी नेट प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी कर रहे हैं। इन शिक्षकों का एप्रूवल निरस्त करने के साथ ही जिस कालेज में ये शिक्षक संबद्ध हैं, उन्हें नोटिस जारी किया गया। बैठक में प्रवक्ता सचिन अग्रवाल, डा. सुभोजीत बनर्जी, डा. एसके त्रिपाठी और मुराद अली का अवकाश बढ़ाने पर सहमति जताई गई। जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डा. मनोज मिश्र के सेवा विस्तार के लिए शासन को पत्र भेजा गया, जबकि डाटा इंट्री आपरेटर अंजू लता की सेवा समाप्त करने पर सहमति जताई गई।बैठक में विश्वविद्यालय में गठित महिला सेल नियमावली तैयार करने के लिए डा. पीसी विश्वकर्मा, डा. वंदना दुबे और डा. वंदना राय की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई। इसके अलावा आजमगढ़ में विश्वविद्यालय के चार वादों की पैरवी के लिए अधिवक्ता उदयभान पांडेय को नामित किए जाने संबंधी सूचना कार्य परिषद को दी गई। विद्या परिषद की ओर से 27 सितंबर एवं 25 अक्तूबर को लिए गए निर्णयों पर भी विचार किया गया। बैठक में डा. मनोज सिंह, डा. मानस पांडेय, डा. अनिल प्रताप सिंह आदि मौजूद थे।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने निरस्त कर दिए सभी के एप्रूवल

 साभार अमरउजाला