Thursday, November 28, 2013


...तो सपा सुप्रीमो का हिंदी प्रेम महज दिखावा

प्रदेश में हिंदी शिक्षकों के हजारों पद खाली

अखिलेश मिश्र

इलाहाबाद। संसद में अंग्रेजी के बदले हिंदी के हिमायती मुलायम सिंह यादव की पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में हिंदी शिक्षकों की भर्ती को लेकर उदासीन है। प्रदेश सरकार का कार्यकाल डेढ़ वर्ष से ज्यादा बीतने के बाद भी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है। माध्यमिक शिक्षा में हिंदी जैसे अनिवार्य विषय में करीब दो हजार पद और उच्च शिक्षा में एक हजार पद खाली हैं।

माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी शिक्षकों की कमी का नतीजा रहा कि पांच लाख 70 हजार छात्रों को दोबारा हाईस्कूल की परीक्षा में शामिल होना पड़ रहा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव ने माना कि माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी शिक्षकों की कमी है। शासन स्तर पर बात की गई है, जल्द ही भर्तियां होंगी।

माध्यमिक स्कूलों में हिंदी के दो हजार पद रिक्त

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के विवाद के घेरे में होने के कारण पिछले तीन वर्ष से टीजीटी, पीजीटी के पदों पर कोई चयन नहीं हो सका है। अब तक प्रदेश में इस समय कुल 25 हजार शिक्षकों के पद खाली है, इसमें लगभग दो हजार पद हिंदी विषय के हैं।

डिग्री काॅलेजों में एक हजार पद खाली

अशासकीय डिग्री और पीजी कॉलेजों में खाली प्रवक्ता और प्राचार्य के पदों पर पिछले छह वर्ष से कोई चयन नहीं हुआ है। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में लगभग डेढ़ वर्ष से अध्यक्ष का पद खाली होने और सदस्यों के पद खाली होने से प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में 3500 शिक्षकों के पद खाली हैं। इनमें लगभग एक हजार पद हिंदी शिक्षकों के हैं।

साभार अमरउजाला