- एक ही परिसर में संचालित होने वाले 222 प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों हुआ विलय
- वरिष्ठतम प्रधानाध्यापकों को सौंपा जाएगा वित्तीय व प्रशासनिक नियंत्रण
- साझा होगा चूल्हा, दोनों विद्यालयों में एक साथ पकेगा मध्याह्न् भोजन
- एक ही परिसर में अलग-अलग संचालित हो रहे 222 विद्यालयों के विलय की औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी है। हालांकि प्राथमिक विद्यालयों के हेडमास्टर अभी नहीं हटाए गए हैं। इसकी कार्रवाई भी जल्द पूरी की जाएगी ताकि विलय हुए विद्यालयों में एमडीएम एक साथ बन सके। -जय सिंह, बीएसए
एक ही परिसर में अलग-अलग चल रहे 222 प्राथमिक व उच्च
प्राथमिक विद्यालयों का विलय कर दिया गया है। एक होने से प्राथमिक विद्यालयों में 107 हेडमास्टरों का पद समाप्त होना तय है। हालांकि इन प्राथमिक विद्यालयों में
अब भी हेड मास्टर बने हुए हैं। इन्हें जल्द हटाने का निर्णय लिया गया है। वहीं इन
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब साझा चूल्हा एमडीएम बनेगा। दोनों
विद्यालयों में दोपहर का भोजन अलग-अलग बन रहा था।
जनपद में 1367
परिषदीय
विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसमें 1013
प्राथमिक
विद्यालय भी शामिल हैं। वहीं 222
ऐसे
विद्यालय थे जो एक ही परिसर में प्राथमिक (कक्षा एक से पांच तक) व उच्च प्राथमिक
विद्यालय (कक्षा छह,
सात व आठ)
संचालित हो रहे थे। एक ही परिसर होने के बावजूद दोनों विद्यालयों के हेडमास्टर
अलग-अलग हैं। विलय के बाद इन विद्यालयों में अब एक ही हेडमास्टर होंगे। शासन ने
विद्यालय का वित्तीय व प्रशासनिक नियंत्रण की जिम्मेदारी वरिष्ठतम प्रधानाध्यापक
को सौंपने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर शासन ने पूर्व में सृजित अध्यापकों व
हेडमास्टरों के पदों यथावत रखने का भी आश्वासन दिया है। ऐसे में सत्र जनपद में परिषदीय
विद्यालयों की संख्या घटकर 1145
हो जाएगी।