- अनुसूचित जाति के दो लाख छात्रों के लिए विभाग ने मांगा शासन से बजट
- सामान्य वर्ग के ढाई लाख छात्रों के लिए अब नहीं बची है कोई उम्मीद, निराशा
समाज कल्याण विभाग द्वारा बांटी जाने वाली दशमोत्तर छात्रवृत्ति से पिछले
शैक्षिक सत्र में साढ़े चार लाख छात्र वंचित रह गए हैं। इसके लिए चक्कर काट रहे
छात्रों में से सिर्फ अनुसूचित जाति के दो लाख छात्रों को ही पैसा मिल पाएगा।
सामान्य वर्ग के लिए बजट खत्म हो चुका है। शैक्षिक सत्र 2018-19 में
दशमोत्तर छात्रवृत्ति के लिए प्रदेश के तीस लाख छात्रों ने आवेदन किया था। ऑनलाइन
आवेदन के साथ ही समाज कल्याण विभाग ने छात्रों का डाटा फीड किया और छात्रवृत्ति का
वितरण भी हो गया। मगर,
साढ़े चार
लाख छात्र अब भी विभाग के चक्कर काट रहे हैं। इनमें करीब ढाई लाख छात्र सामान्य
वर्ग के हैं, जिन्हें
छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी है। इन छात्रों को पैसा मिलने की अब कोई उम्मीद भी नहीं
है। वहीं, दो लाख
छात्र अनुसूचित जाति वर्ग के हैं। छात्रवृत्ति के नोडल अधिकारी पीके त्रिपाठी ने
बताया कि अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति का पैसा केंद्र सरकार द्वारा
दिया जाता है। इस वर्ग के सभी छात्रों के लिए बजट विभाग को मिल जाएगा। मगर, सामान्य
वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति योजना बजट आधारित है। मेरिट के आधार पर वह दी जा
चुकी है। वंचित रह गए छात्रों को अब इस वर्ष छात्रवृत्ति नहीं मिल पाएगी।