बेसिक
शिक्षा विभाग में तैनाती, पदोन्नति, स्थानांतरण और सेवा से जुड़े मामलों के लिए बेसिक शिक्षा
संवर्ग का गठन किया जाएगा। बच्चों को निशुल्क स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्यपुस्तकें, जूते-मोजे, स्कूल बैग और स्वेटर वितरण के लिए अलग से निकाय गठित किया
जाएगा।
बेसिक
शिक्षा विभाग में तैनाती, पदोन्नति, स्थानांतरण और सेवा संबंधी प्रकरणों के निस्तारण में काफी
विलंब होता है। शिक्षकों और कर्मचारियों की पदोन्नति और सेवा संबंधी हजारों मामले
लंबित हैं।
उनके तबादले करने के लिए भी विभाग से लेकर सरकार तक को मशक्कत करनी पड़ती है। वर्तमान में संचालित शिक्षा सेवा संवर्ग में शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हो रहा है। बीते दिनों हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए थे।
विभाग ने शिक्षा सेवा संवर्ग का विभाजन कर बेसिक शिक्षा संवर्ग के गठन की तैयारी की है। इसमें पर्याप्त संख्या में अधिकारी-कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। तैनाती, पदोन्नति, स्थानांतरण और सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए निर्धारित समय सीमा तय की जाएगी।
उनके तबादले करने के लिए भी विभाग से लेकर सरकार तक को मशक्कत करनी पड़ती है। वर्तमान में संचालित शिक्षा सेवा संवर्ग में शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हो रहा है। बीते दिनों हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए थे।
विभाग ने शिक्षा सेवा संवर्ग का विभाजन कर बेसिक शिक्षा संवर्ग के गठन की तैयारी की है। इसमें पर्याप्त संख्या में अधिकारी-कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। तैनाती, पदोन्नति, स्थानांतरण और सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए निर्धारित समय सीमा तय की जाएगी।
डेढ़ हजार करोड़ से ज्यादा खर्च करती हैं सरकारें
बेसिक
शिक्षा विभाग के 1 लाख 58 हजार 914 विद्यालयों
में अध्ययनरत 1.57 करोड़ विद्यार्थियों को
प्रतिवर्ष स्कूल बैग, स्कूल
यूनिफॉर्म, पाठ्यपुस्तकें, स्वेटर और जूते-मोजे निशुल्क वितरित किए जाते हैं। सरकार इन
सब पर डेढ़ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करती है।
निशुल्क सामग्री बच्चों को समय पर नहीं मिलने के कारण कई बार विभाग की फजीहत हुई है। करोड़ों खर्च करने के बाद भी बच्चों को उसका समय पर फायदा नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अधिकारियों से नाराजगी जताई थी। हालांकि इस बार एक जुलाई से पहले 95 फीसदी स्कूलों में पाठ्यपुस्तकें पहुंच गई हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने निशुल्क सामग्री वितरण के लिए अलग से निकाय गठन का प्रस्ताव दिया है। इसमें संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी, लेखाधिकारी सहित अन्य कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इन्हें केवल समय से निशुल्क सामग्री वितरण की जिम्मेदारी दी जाएगी।
निशुल्क सामग्री बच्चों को समय पर नहीं मिलने के कारण कई बार विभाग की फजीहत हुई है। करोड़ों खर्च करने के बाद भी बच्चों को उसका समय पर फायदा नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अधिकारियों से नाराजगी जताई थी। हालांकि इस बार एक जुलाई से पहले 95 फीसदी स्कूलों में पाठ्यपुस्तकें पहुंच गई हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने निशुल्क सामग्री वितरण के लिए अलग से निकाय गठन का प्रस्ताव दिया है। इसमें संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी, लेखाधिकारी सहित अन्य कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इन्हें केवल समय से निशुल्क सामग्री वितरण की जिम्मेदारी दी जाएगी।