दीनी तालीम के साथ मदरसों के तालिबे-इल्म अब आधुनिक ज्ञान भी हासिल करेंगे, वह भी बिल्कुल हाइटेक तरीके से। यह बातें अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय
मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को मुंबई से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए
मदरसा छात्रओं व शिक्षकों से बातचीत के दौरान कहीं।
बताया कि दूर बैठे शिक्षक से बच्चे अंग्रेजी व गणित ही नहीं विज्ञान जैसे
विषय भी वचरुअल तरीके से पढ़ सकेंगे। छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए
पाठ्यक्रम में थोड़े बदलाव भी किए जा रहे हैं। साथ ही केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाएं
भी शुरू की गई हैं। कहा,
बनारस के
साथ ही देश में वचरुअल क्लास चलाने के लिए मदरसों की सूची तैयार की जा रही।
इसका फायदा ये होगा कि बिना अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति के ही एक ही समय
में कई मदरसों के छात्र-छात्रओं को एक साथ हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान
जैसे विषय की शिक्षा दी जा सकेगी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने मदरसा चरागे उलूम
में स्थापित वचरुअल क्लास की जानकारी ली। केंद्र के समन्वयक अब्दुल मतीन कैफी ने
वचरुअल क्लास के माध्यम से अंग्रेजी व गणित के अलावा विज्ञान विषय पढ़ाए जाने की
मांग की। इस दौरान शिक्षिका सुल्ताना बेगम,
कुमारी
अमरीन, किशन
जायसवाल आदि थे।
दो साल पहले स्थापित हुआ था केंद्र
फरवरी 2017 में ‘तालीम-ओ-तरबियत’ अभियान के
तहत वचरुअल क्लास के दो केंद्र मदरसा दारूल उलूम साकीनाका -महाराष्ट्र व मदरसा
दायरतुल इस्लाह चरागे उलूम-वाराणसी शुरू किए गए थे। इसमें कक्षा नौ से 12 के
छात्र-छात्रओं को अंग्रेजी व गणित विषय पढ़ाए जाते हैं। इसकी पहल मौलाना आजाद
राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलाधिपति जफर सरेशवाला ने की थी।