Thursday, June 20, 2019

उत्साहवर्धक नहीं है भारतीय शिक्षण संस्थानों की गति


दुनिया की शीर्ष-200 उच्च शिक्षण संस्थानों में आइआइटी बांबे, आइआइटी दिल्ली और आइआइएससी बेंगलुरु ने जगह बनाई जरूर है लेकिन नतीजे अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। आइआइटी बांबे की रैकिंग में पिछले साल के मुकाबले दस अंकों का सुधार भी हुआ है। हालांकि यह कोई उत्साहवर्धक नतीजे नहीं हैं, क्योंकि पिछले पांच सालों में उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में जिस स्तर पर कोशिश हुई, उसका बहुत असर नहीं दिख रहा है। बावजूद इसके सरकार को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस दिशा में की जा रही कोशिशों के उत्साहजनक परिणाम देखने को मिलेंगे।
इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है, क्योंकि दुनिया के बेहतर विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों की 2019 की सूची (क्यूएस रैकिंग) में दुनिया के शीर्ष एक हजार बेहतर विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों में भारत के कुल 24 संस्थानों ने जगह बनाई थी। जबकि 2020 की रैकिंग में सिर्फ 23 संस्थान ही इनमें जगह बना पाए। विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों के विश्वस्तर पर बेहतर प्रदर्शन को दर्शाने वाली 2020 की क्यूएस रैंकिंग (क्वेकक्वेरली सायमंड्स) बुधवार को जारी की गई है। इनमें आइआइटी बांबे की रैकिंग 162 से इस बार 152 पर पहुंच गई है। इसके साथ ही जिन संस्थानों की रैकिंग में पिछली रैकिंग यानि क्यूएस रैकिंग 2019 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है, आइआइटी खड़गपुर है, जिसकी रैकिंग में 2019 में 295 थी, जबकि इस बार यह चौदह अंकों के सुधार के साथ 281 वें स्थान पर पहुंच गया है। इस तरह दिल्ली विश्वविद्यालय की रैकिंग 487 से सुधरकर अब 474 वें स्थान पर आ गई है। मनीपाल विवि की रैंकिंग में भी सुधार हुआ है, जिसने इस बार 701 से 800 शीर्ष संस्थानों में अपनी जगह बनाई है। पिछली बार यह इससे नीचे थी। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम हरियाणा का ओपी जिंदल विश्वविद्यालय है। जिसे विश्वस्तरीय रैकिंग में पहली बार शीर्ष के 751 से 800 रैकिंग वाले संस्थानों की सूची में जगह बनाई मिली है।
इसी बीच, क्यूएस रैकिंग-2020 में देश के 23 उच्च शिक्षण संस्थानों के शामिल होने पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने खुशी जताई है।
दुनिया के शीर्ष हजार संस्थानों में बीएचयू भी है शामिल
क्यूएस रैकिंग-2020 की बुधवार को जारी हुई सूची में देश के जिन संस्थानों ने जगह बनाई है, उनमें आइआइटी बांबे, आइआइटी दिल्ली, आइआइएससी बंगलौर, आइआइटी मद्रास, खड़गपुर, आइआइटी कानपुर, रूड़की, दिल्ली विश्वविद्यालय, आइआइटी गुवाहाटी, जाधवपुर विवि, मनिपाल विवि, अन्ना विवि, जामिया मिलिया विवि, ओपी जिंदल, अलीगढ़ मुस्लिम विवि, अमृता विवि, बनारस हंिदूू विवि, बिट्स, साबित्रीबाई फूले विवि पुणो, थापर विवि, कोलकाता विवि, मुंबई विवि, वीआइटी वेल्लोर शामिल है। रैंकिंग के लिए छात्र-शिक्षक अनुपात
क्यूएस-2020 की रैकिंग में 24 की जगह 23 संस्थानों को मिली जगह
आइआइटी बांबे ने लगाई छलांग दिल्ली व बेंलुरु की खिसकी रैंकिंग