अमर्यादित टिप्पणी करके शिक्षक समाज की छवि को धूमिल करने और कर्मचारी लोक
प्रतिनिधित्व आचरण का उल्लंघन करने वाले एक शिक्षक को बीएसए ने कार्रवाई की जद में
ले लिया है। विभाग के वाटसएप ग्रुप में अमर्यादित टिप्पणी को संज्ञान में लेते हुए
बीएसए ने शिक्षक की एक वार्षिक वृद्धि रोक दी है तथा भविष्य में अगर दोबारा ऐसा
आचरण करते हुए पाया गया तो कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
तेलियानी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय मिश्रमऊ में प्रधानाध्यापक के पद पर
विमलेश कुमार पाल की तैनाती है। विभाग द्वारा बनाए गए वाटसएप ग्रुप में दिनांक 7 जून को
प्रधानाध्यापक द्वारा एक पोस्ट डाली गई जिसमें लिखा कि योगीराज में बेगारी से मना
करना दलित को भारी पड़ा। पुलिस जांच मे जुटी। विभाग ने इस कृत्य को मुख्यमंत्री के
कार्य पर आलोचना करना माना गया। यह कार्य एक सरकारी शिक्षक की नियमावली का सरासर
उल्लंघन है। बीएसए ने इसे संज्ञान में लेते हुए खंड शिक्षाधिकारी नगर से जांच
करवाई । जिस पर बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने संबंधित शिक्षक की एक वेतन वृद्धि
रोकने का आदेश दिया। वहीं यह भी जांच में पाया गया कि इसके पूर्व की आरोपी
प्रधानाध्यापक शैक्षिक समूहों में जातिगत व राजनैतिक पोस्ट प्रचारित करते रहे हैं, जिसके लिए
इन्हें मौखिक रूप से आगाह भी किया जाता रहा है।