जिले में 23 जूनियर हाईस्कूलों
में पढ़ाई का तरीका इस साल से अचानक बदल जाएगा। अभी तक हंिदूी माध्यम से पढ़ाई
करने वाले छात्र-छात्रओं को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करनी होगी। इन स्कूलों में
पढ़ने वाले बच्चे अधिकतर परिषदीय प्राथमिक स्कूलों से ही आते हैं और उन स्कूलों
में कक्षा पांच में हिन्दी माध्यम से ही पढ़ाई होती है। इस साल माध्यम बदलने से
विद्यार्थियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
विगत वर्षो में अंग्रेजी माध्यम के लिए चयनित 300 से अधिक
प्राथमिक स्कूलों की सूची में इस साल चुने गए 23
जूनियर
विद्यालय भी शामिल हो गए हैं। संविलयन के बाद कुछ और जूनियर विद्यालय इस सूची में
जुड़ जाएंगे। निदेशालय ने इसी साल से पढ़ाई कराने को कहा है। इन स्कूलों के लिए
किताबों का क्रयादेश जारी हो चुका है।
हर वर्ष एक ऊपरी कक्षा में यह लागू किया जाएगा
अंग्रेजी माध्यम के रूप में चयनित किए गए प्राथमिक स्कूलों में एक साथ
कक्षा पांच तक पढ़ाई का माध्यम नहीं बदला गया था। शुरुआत में कक्षा तीन तक पढ़ाई
हुई, हर साल एक
ऊपरी कक्षा में इसे लागू किया जाएगा।
बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि चयनित जूनियर स्कूलों को अंग्रेजी
माध्यम के रूप में संचालित किया जाएगा। योग्य शिक्षक, माध्यम को
लेकर बच्चों की ङिाझक को दूर करेंगे। जल्द ही किताबें आ जाएंगी।
- चयनित जूनियर हाईस्कूलों में पढ़ाई का जरिया अंग्रेजी
- जल्द आ जाएंगी कक्षा छह से आठ तक की किताबें
यह होगी समस्या
शिक्षकों
का मानना है कि कक्षा पांच पास कर छह में जाने वाले, छह से सात और सात से आठ में जाने वाले
छात्र अंग्रेजी माध्यम को लेकर सहज नहीं महसूस करेंगे। हिन्दी से अचानक अंग्रेजी
माध्यम में आ जाने के बाद उनकी किताबें भी अंग्रेजी में होंगी और परीक्षा के
प्रश्नपत्र भी।