शिक्षकों के लिए 25 व 26
मई को होगी योग प्रतियोगिता
सीतापुर। परिषदीय विद्यालयों में अब
योग की कक्षाएं चलेगी। इसके लिए शिक्षक तैयार किए जाएंगे। इससे पहले शिक्षकों को
इम्तिहान से गुजरना पड़ेगा। परीक्षा पास करने के बाद जिले में दो सर्वश्रेष्ठ
शिक्षकों का चयन होगा। फिर यह शिक्षक राज्य स्तर पर सम्मानित होंगे। इस परीक्षा
में वही शिक्षक प्रतिभाग करेंगे जिन विद्यालयों में नौनिहालों की संख्या 60 फीसदी
से अधिक होगी।
जिला व्यायाम शिक्षक राज शर्मा का कहना है कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चे का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व भावनात्मक विकास करना है। शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति में योग की महत्ती भूमिका है। योग के माध्यम से शिक्षा के विविध आयामों को सरलता व सहजता से प्राप्त किया जा सकता है।
योग की आवश्यकता इसलिए भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। क्योंकि वर्तमान जीवनशैली दिन प्रतिदिन तनावपूर्ण होती जा रही है। जिससे जीवन में संतुलन बनाने के लिए योग व योगाभ्यासों को अपने जीवन शैली में सम्मिलित करना है।
योगाभ्यास जैसे योगासन, प्राणायाम, बंधु, ध्यान आदि के द्वारा एकाग्रता, स्मरण शक्ति, रचनात्मकता, चिंतन, सहनशीलता को आत्मसात करने के लिए निरोगी काया प्राप्त की जा सकती है। इसका उद्देश्य योग शिक्षा के प्रति जागरूकता विकसित करना। शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास करना।
स्वस्थ्य जीवनचर्या का विकास करना। कल्पना शक्ति, सृजनात्मक व सकारात्मक भावों का विकास करना। कक्षा शिक्षण के लिए अनुकूल दृष्टिकोण का विकास करना शामिल है। इसको लेकर जिला स्तर पर योग प्रतियोगिता 25 व 26 मई को होगी।
इसमें जिले के प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण करने वाले ऐसे शिक्षक/शिक्षिकाओं को सम्मिलित किया जाएगा। जिनके विद्यालय में नामांकन 60 फीसदी से अधिक हो व योगाभ्यास में रुचि रखते हो। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता का मूल्यांकन तीन सदस्यीय समिति द्वारा किया जाए।
महिला शिक्षिकाओं के मूल्यांकन के लिए महिला विशेषज्ञों व पुरुष शिक्षकों के मूल्यांकन के लिए पुरुष विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। जिले से कम से कम सात महिला व सात पुरुष शिक्षकों का चयन किया जाएगा।
उन्हें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून को प्रमाणपत्र/स्मृति चिन्ह दिया जाएगा। इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष व एक महिला शिक्षिका को सम्मानित किया जाएगा। फिर यह शिक्षक अपने विद्यालय में योगा की बेहतर कक्षाएं संचालित कराएंगे।
होगी प्रतियोगिता
योगा को लेकर शिक्षक/शिक्षिकाओं की प्रतियोगिता कराई जाएगी। इसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।
-अजय कुमार, बीएसए
जिला व्यायाम शिक्षक राज शर्मा का कहना है कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चे का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व भावनात्मक विकास करना है। शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति में योग की महत्ती भूमिका है। योग के माध्यम से शिक्षा के विविध आयामों को सरलता व सहजता से प्राप्त किया जा सकता है।
योग की आवश्यकता इसलिए भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। क्योंकि वर्तमान जीवनशैली दिन प्रतिदिन तनावपूर्ण होती जा रही है। जिससे जीवन में संतुलन बनाने के लिए योग व योगाभ्यासों को अपने जीवन शैली में सम्मिलित करना है।
योगाभ्यास जैसे योगासन, प्राणायाम, बंधु, ध्यान आदि के द्वारा एकाग्रता, स्मरण शक्ति, रचनात्मकता, चिंतन, सहनशीलता को आत्मसात करने के लिए निरोगी काया प्राप्त की जा सकती है। इसका उद्देश्य योग शिक्षा के प्रति जागरूकता विकसित करना। शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास करना।
स्वस्थ्य जीवनचर्या का विकास करना। कल्पना शक्ति, सृजनात्मक व सकारात्मक भावों का विकास करना। कक्षा शिक्षण के लिए अनुकूल दृष्टिकोण का विकास करना शामिल है। इसको लेकर जिला स्तर पर योग प्रतियोगिता 25 व 26 मई को होगी।
इसमें जिले के प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण करने वाले ऐसे शिक्षक/शिक्षिकाओं को सम्मिलित किया जाएगा। जिनके विद्यालय में नामांकन 60 फीसदी से अधिक हो व योगाभ्यास में रुचि रखते हो। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता का मूल्यांकन तीन सदस्यीय समिति द्वारा किया जाए।
महिला शिक्षिकाओं के मूल्यांकन के लिए महिला विशेषज्ञों व पुरुष शिक्षकों के मूल्यांकन के लिए पुरुष विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। जिले से कम से कम सात महिला व सात पुरुष शिक्षकों का चयन किया जाएगा।
उन्हें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून को प्रमाणपत्र/स्मृति चिन्ह दिया जाएगा। इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष व एक महिला शिक्षिका को सम्मानित किया जाएगा। फिर यह शिक्षक अपने विद्यालय में योगा की बेहतर कक्षाएं संचालित कराएंगे।
होगी प्रतियोगिता
योगा को लेकर शिक्षक/शिक्षिकाओं की प्रतियोगिता कराई जाएगी। इसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।
-अजय कुमार, बीएसए