Wednesday, April 11, 2018

डिप्टी सीएम का भी निर्देश नहीं मान रहा शिक्षा विभाग : जिविनि कार्यालय सुस्त


डिप्टी सीएम का भी निर्देश नहीं मान रहा शिक्षा विभाग

जिविनि कार्यालय सुस्त

लालबाग गर्ल्स कालेज में अचानक नियुक्तियों के विज्ञापन ने उबाल ला दिया है। पिछले कई महीनों से न्याय की आस लगाये स्कूल के बाहर बैठीं प्रधानाचार्या डा.सपना लेवर्ण सहित अनेक शिक्षक अब मुखर हो रहे हैं बल्कि इस कालेज का असल प्रबन्धन भी अब आर-पार के मूड में है। वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग अभी भी पिछले कई महीनों से जल्द ही कार्रवाई का एक ही रटा-रटाया जवाब देकर फर्जी प्रबन्धन के मंसूबों को हवा दे रहा है। ‘‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’ की कहावत डीआईओएस कार्यालय पूरी तरह से चरितार्थ कर रहा है। दरअसल इस कालेज की प्रधानाचार्या डा.श्रीमती सपना लेवर्ण ने करीब दस महीने पूर्व उप मुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा को अपना पत्रक देकर अगस्त-2016 से रूके हुए वेतन की मांग की थी। जिसके बाद उप मुख्यमंत्री कार्यालय से इस पूरे प्रकरण को प्राथमिकता के आधार पर दिखवाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक-2 नन्द कुमार व अन्य प्रकरण को देखने के लिए डीआईओएस-1 मुकेश कुमार सिंह को निर्देशित किया गया। इसके बाद भी पिछले नौ महीने से डीआईओएस कार्यालय ‘‘अदृश्य भय’ के चलते निर्णय नहीं ले पा रहा है, जिसकी वजह से न केवल शिकायतकर्ता परेशान है बल्कि फर्जी लोग अपने मंसूबों में कामयाब होते दिख रहे हैं। विभाग व शासन-प्रशासन मौखिक रूप से प्रधानाचार्या डा.श्रीमती सपना लेवर्ण को ही प्रधानाचार्या मानता है लेकिन उनका वेतन अगस्त-2016 से नहीं दे रहा है, जबकि इसी प्रबन्धन द्वारा नियुक्त की गयी अन्य शिक्षिकाओं के वेतन बिल का भुगतान डीआईओएस कर रहे हैं। पिछले नौ-दस महीने से फाइल दबाये बैठे अधिकारी कोई भी निर्णय नहीं ले रहे हैं। मौजूदा डीआईओएस मुकेश कुमार ने उमेश त्रिपाठी कार्यकाल के दौरान अनियमित ढंग से नियुक्त की गयीं कुछ महिलाओं के वेतन इत्यादि तो रोक दिये, लेकिन अभी तक उक्त विवाद को निपटाने में ‘‘रूचि’ नहीं ले रहे हैं। जिविनि कार्यालय के सूत्र बताते हैं कि ‘‘अदृश्य भय’ के चलते न केवल फर्जी लोगों को कालेज से खदेड़ा नहीं जा रहा बल्कि असली प्रधानाचार्या डा.श्रीमती सपना लेवर्ण को चार्ज भी नहीं दिया जा रहा है, जिससे स्कूल का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।

फर्जी नियुक्तियों ने डाला माथे पर बल

लालबाग गर्ल्स कालेज में पिछले दो वर्षो में तीन बार से अधिक विज्ञापन निकालकर लोगों को गुमराह करने की साजिश चल रही है। हर बार समाचार पत्र में नियुक्तियों को लेकर विज्ञापन दिये जाते हैं और फिर उस पर लीपापोती कर दी जाती है। यही नहीं पिछले दिनों तो इस कालेज पर फर्जी गुट ने डिग्री कालेज का बोर्ड टांग दिया था, लेकिन समाचार पत्रों में छपने के बाद शिक्षा माफिया को ‘‘बैकफुट’ पर आना पड़ा। यही नहीं पिछले दिनों फर्जी गुट द्वारा एक फर्जी पत्र भी समाचार पत्रों में भिजवाया गया, जिससे कि मामले को दूसरी ओर मोड़ा जा सके। इस बावत द मेथोडिस्ट र्चच ऑफ इण्डिया के लखनऊ चैप्टर के प्रमुख बिशप फिलिप एस.मसीह ने कहा कि लालबाग गर्ल्स कालेज को कुछ शिक्षा माफिया कब्जा करना चाहते हैं और इसी कड़ी में उन लोगों ने पिछली सपा सरकार में कालेज में जमकर उत्पात मचाया और भारी षड़यन्त्र किया। उन्होंने कहा कि बार-बार फर्जी तरीके से विज्ञापन निकालना व डिग्री कालेज का बोर्ड लगाना भी किसी षड़यन्त्र का हिस्सा लगता है, जिसके बारे में विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार वर्षो से वह लोग इस झूठे व फर्जी गतिविधियों से परेशान हैं, लेकिन राज्यपाल, मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बावत जो निर्णय डीआईओएस स्तर पर लेना है, वह किन्हीं न किन्हीं बहानों के चलते लटका हुआ है।

डीआईओएस जल्द करेंगे कार्रवाई : जेडी

माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी का कहना है कि यह पूरा प्रकरण काफी संवेदनशील है तथा डीआईओएस-2 इस पूरे प्रकरण को देख रहे हैं, जो इन दिनों हरदोई के प्रभारी डीआईओएस भी है, ऐसे में बोर्ड परीक्षा के कायरे के चलते थोड़ा व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि दो-चार दिनों में वह वापस कामकाज सम्भाल लेंगे तो इस प्रकरण को प्राथमिकता पर दिखवाया जाएगा।