Monday, February 1, 2016

शिक्षक धर्म निभाकर अरविंद संवार रहे बच्‍चों का भविष्य

हर साल 40 कमजोर बच्चों को तराशने का लिया है संकल्प


भौतिकता की अंधी दौड़ में दूसरों के लिए सोचने वाले आज के दौर में बहुत कम हैं, ऐसे में जिले के एक शिक्षक अपना समूचा वक्त परहित के लिए समर्पित कर मिसाल बन चले हैं प्राथमिक विद्यालय चितईपुर के हेडमास्टर अरविंद कुमार पाल
ज्ञानपुर (भदोही) के प्राथमिक विद्यालय चितईपुर के हेडमास्टर अरविंद कुमार पाल अर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों में शिक्षा का उजाला नि:स्वार्थ भाव से बिखेर रहे हैं। आम सरकारी स्कूलों के उलट उनके विद्यालय के बच्चे कान्वेंट के बच्चों से टक्कर लेते हैं। यही नहीं अरविंद कमजोर बच्चों को अलग से कोचिंग देकर उनका स्तर सुधारते हैं। इसी का असर है कि यहां से निकले अधिकांश बच्चे बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं।
ज्ञानपुर ब्लॉक के चकसुंदर गांव निवासी अरविंद कुमार पाल तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं। दो नवंबर 1975 को जन्मे अरविंद के परिवार वाले बताते हैं कि सेवाभाव उनमें बचपन से रहा है। वर्ष 2002 में शिक्षक पद पर नियुक्त होने के बाद अरविंद ने औराई के फौदीपुर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाना शुरू किया। सरकारी स्कूल में शिक्षण की बुरी हालत और अध्यापकों के उदासीन रवैये से वह क्षुब्ध रहते थे। 2007 में वे प्राथमिक विद्यालय चितईपुर के हेडमास्टर बनाए गए। यहां आने के बाद उन्होंने कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। पहले तो साथी शिक्षकों ने उन्हें सनकी समझा लेकिन बाद में वह भी इसमें रम गए। इसका परिणाम रहा कि बच्चे निखरने लगे। विद्यार्थियों की संख्या काफी बढ़ गई। कई अभिभावकों ने पब्लिक स्कूलों से बच्चों का नाम कटवाकर चितईपुर के स्कूल में लिखवा दिया। अरविंद ने शिक्षा विभाग से मिलने वाली सुविधाओं के अलावा अपने वेतन से बच्चों को टाई-बेल्ट समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराईं। विद्यालय में निजी दम पर प्रोजेक्टर भी लगवाया। यही नहीं 2015 से उन्होंने विद्यालय के 40 कमजोर बच्चों का एक समूह बनाया है। जिन्हें वे एक घंटे की अतिरिक्त कोचिंग दे रहे हैं। इसमें तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के बच्चों को अंग्रेजी, गणित, हिंदी और सामान्य ज्ञान की शिक्षा अलग से दी जाती है। इसका असर भी दिखाई देने लगा है। कमजोर रहे बच्चे कोचिंग से अब बेहतर प्रदर्शन करने लगे हैं।
यहां पढ़ने वाले अरविंद के कई शिष्यों ने बोर्ड परीक्षा में परचम लहराया है। ममता बिंद ने इंटर में 86 प्रतिशत तो हाईस्कूल में सविता बिंद 82 प्रतिशत, रानी 81 प्रतिशत, नीलम ने 82 प्रतिशत अंक प्राप्त किया। स्कूल से जुड़े ज्यादातर बच्चे हाईस्कूल और इंटर में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं।
अरविंद कहते हैं कि बच्चों से मुझे विशेष लगाव है। उनका भविष्य बनाने के प्रयासों से मुझे खुशी मिलती है। हर साल 40 कमजोर बच्चों की मेधा को तराशने का संकल्प लिया है, जिसे पूरा कर रहे हैं।


प्राथमिक विद्यालय चितईपुर जिले के 1064 परिषदीय विद्यालयों के लिए आदर्श है । इसका नाम प्रदेश स्तर पर पुरस्कृत होने के लिए नाम भेजा जाएगा। - डॉ. सत्य प्रकाश त्रिपाठी, बेसिक शिक्षा अधिकारी।