Wednesday, December 16, 2015

अब यूपी में इस तरह से होगी सरकारी शिक्षकों की भर्ती,


राजकीय विद्यालयों में स्नातक वेतनमान के शिक्षकों की भर्ती अब लिखित परीक्षा से होगी। इसके लिए राजकीय शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन किया जाएगा। 

वर्तमान व्यवस्था में मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है। इस मामले में उच्चस्तरीय बैठक में सहमति बन चुकी है। जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाए जाने की तैयारी चल रही है।

राजकीय बालिका और बालक इंटर कॉलेजों में मेरिट के आधार पर चल रहीं भर्तियों में सैकड़ों अभ्यर्थियों ने फर्जी अंकपत्र लगा दिए। विभाग 613 से ज्यादा अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा चुका है।

पिछले करीब एक वर्ष से राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के 5940 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है। 4646 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए, लेकिन एक ही अभ्यर्थी के एक से अधिक जगहों पर आवेदन करने या फिर बड़े पैमाने पर दस्तावेज फर्जी पाए जाने के चलते ज्यादातर पद अभी तक खाली हैं। महज 1456 पदों पर ही शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराया जा सका है।

फर्जी भर्तियों को रोकने के लिए किए जाएंगे बदलाव



इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए शासन ने भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का फैसला किया है। तय हुआ है कि जितने पदों के लिए मेरिट से भर्ती का विज्ञापन जारी हो चुका है, उनमें तो वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी, लेकिन आगे से नौकरी पाने के लिए अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा देनी होगी। 

हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड आदि के अंकों के बजाय लिखित परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर वरीयता सूची जारी की जाएगी। हालांकि विभिन्न कक्षाओं में न्यूनतम अंकों की व्यवस्था पहले की तरह ही लागू रहेगी।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने के आग्रह के साथ बताया कि प्रस्तावित संशोधित नियमावली तैयार कराई जा रही है। इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ही नई भर्तियों के लिए कोई विज्ञापन जारी किया जाएगा।