Wednesday, February 25, 2015

अध्यापकों से क्यों लिए जा रहे हैं दूसरे काम
इलाहाबाद । प्राथमिक और परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों से जनगणना, आर्थिक गणना, स्थानीय निकाय चुनाव की ड्यूटी जैसे तमाम शिक्षणेतर कार्य लिए जाने पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड व न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ ने 27 फरवरी तक सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
एडवोकेट सुनीता शर्मा द्वारा दाखिल याचिका पर बहस कर रहे अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में लागू किया गया। इसके अनुसार बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देना सरकार का दायित्व है मगर सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने के लिए नियुक्त अध्यापकों से तमाम प्रकार के शिक्षणेतर कार्य लिए जा रहे हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होता है। अध्यापकों से बीएलओ ड्यूटी, पंचायत चुनाव, नगर निगम चुनाव, राशन कार्ड की जांच, जनगणना जैसे कार्य लिए जाते हैं।

साभार अमरउजाला