बच्चों-बुजुगरे का निवाला भी छीनने चली सरकार!
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एसएनबी नई दिल्ली। सरकार स्कूलों में मिड-डे मील और
आंगनबाड़ियों में पोषण आहार के लिए सब्सिडी वाला खाद्यान्न देने में ना-नुकुर
करने लग गई है। गरीब बुजुगरे को मुफ्त बांटे जाने वाले 10 किलोग्राम खाद्यान्न का निवाला भी
सरकार छीनने पर विचार कर रही है। अनुसूचित जाति-जनजाति के हॉस्टलों को दिए जाने
वाले रियायती खाद्यान्न में भी कटौती की जाएगी। सरकार का कहना है कि खाद्य
सुरक्षा कानून के तहत दिए जाने वाले सस्ती दर के खाद्यान्न सिवा और खाद्यान्न
मुफ्त या सब्सिडी पर नहीं बांटा जा सकता। सरकार इससे भी नाखुश है कि मिड-डे मील
और आंगनबाड़ियों के लिए सस्ती दर पर जो खाद्यान्न लिया गया था उसका भी धन भारतीय
खाद्य निगम (एफसीआई) को नहीं चुकाया जा रहा है। दिलचस्प यह है कि यह धन राज्यों
को नहीं, केंद्र
सरकार के मानव संसाधन विकास और महिला-बाल विकास जैसे मंत्रालयों को देना है।
सरकार खाद्य सुरक्षा से इतर विभिन्न मंत्रालयों की कल्याणकारी योजना में 41.54 लाख टन खाद्यान्न बांटती है।कल्याणकारी
योजनाओं के लिए सब्सिडी वाला खाद्यान्न नहीं
कल्याणकारी योजनाएं जिन पर लग सकता है ग्रहण
मिड डे मील : मानव संसाधन विकास मंत्रालय की बच्चों की स्कूलों में
उपस्थिति बढ़ाने के लिए यह योजना 1995 से चल रही है। इसमें कक्षा एक से आठ तक
स्कूलों में दोपहर में भोजन सामग्री बांटी जाती है।
गेहूं आधारित न्यूट्रेशन
कार्यक्रम : महिला और बाल विकास मंत्रालय के इस कार्यक्रम के तहत छह वर्ष के कम
आयु के कमजोर बच्चों को खाद्यान्न दिया जाता है।
किशोरियों के लिए सबला योजना :
महिला और बाल विकास की इस योजना में 11 से 18 साल की किशोरियों को 100 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से साल में 300 दिन के लिए खाद्य सामग्री का वितरण
किया जाता है।
अन्नपूर्णा योजना : 65 से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को 10 किलोग्राम खाद्यान्न हर महीने मुफ्त
दिया जाता है। यह खाद्यान्न उन्हीं वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाता है जिनको
राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही है।
अनुसूचित जाति/जनजाति के हॉस्टल
के लिए खाद्यान्न : इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के ऐसे
छात्र-छात्राओं को जो होस्टल में रहते हैं 15 किलोग्राम महीने खाद्यान्न दिया जाता
है। यह योजना 1994 से चल रही
है।
सामाजिक संगठनों को बीपीएल खाद्यान्न का 5 प्रतिशत : इस योजना के तहत सामाजिक
संगठनों को अतिगरीबों में बांटे जाने वाले खाद्यान्न का 5 प्रतिशत खाद्यान्न दिया जाता है। इसमें
सरकार ने खाद्यान्न की सीमा निश्चित कर रखी है जिसे बढ़ाया नहीं जाता।
साभार
राष्ट्रीयसहारा
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Wednesday, February 18, 2015
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