TET:
अबूझ पहेली बन गई शिक्षक
भर्ती
टीम डिजिटल सोमवार, 2 दिसंबर 2013
अमरउजाला लखनऊ Updated @ 4:33 PM IST
सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले दिनों फैसला दिया
कि प्राइमरी स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी की मेरिट
लिस्ट के आधार पर ही होगा। इस फैसले से लाखों युवाओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी,
तो
कुछ को निराशा भी हाथ लगी। यही वजह है कि इसे लेकर टीईटी पास बीएड अभ्यर्थियों में
दो फाड़ हो गया है। एक गुट टीईटी मेरिट पर भर्ती चाहता है तो दूसरा शैक्षिक मेरिट
पर। शैक्षिक मेरिट से भर्ती की मांग को लेकर एक गुट की बैठक रविवार को लक्ष्मण
मेला मैदान में हुई। तय किया गया कि इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
खट-खटाया जाएगा। ऐसे में तय हो गया है कि एक बार फिर टीईटी के आधार पर शिक्षकों की
भर्ती पर ग्रहण लग सकता है। जानकारों की मानें सुप्रीम कोर्ट में मामला दो-तीन में
भी निपट सकता है और एक-डेढ़ साल भी लग सकता है। हालांकि, इसके पीछे सरकार
की मंशा का भी अहम किरदार होगा।
72,825 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया नवंबर
2011 में शुरू की गई थी, लेकिन कभी टीईटी तो कभी शैक्षिक मेरिट
के आधार पर भर्ती संबंधी आदेशों के चलते भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि भर्ती टीईटी मेरिट पर की जाए। वहीं, शैक्षिक
मेरिट समर्थक संघ के अध्यक्ष प्रवीण प्रभात ने कहा है कि टीईटी मेरिट पर भर्ती हुई
तो इसमें कई बधाएं आएंगी। इसको लेकर
शिक्षकों का एक समूह यूपी कैबिनेट में भी चला गया है। उन्होंने मांग की है कि अगर
एक समूह सुप्रीम कोर्ट जाता है तो इन्हें भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए।
मुलायम को याद दिलाया वादा
प्रदेश के अनुसूचित जाति बाहुल्य मान्यता वाले
1500 प्राथमिक स्कूलों को आवर्तक अनुदान पर लेने की मांग को लेकर शिक्षक रविवार को
सपा कार्यालय में मुलायम सिंह यादव से मिले। शिक्षकों ने कहा कि वर्ष 2006 में जब
वह मुख्यमंत्री थे तब इन स्कूलों को आवर्तक अनुदान पर लेने का वादा किया था। सपा
प्रमुख ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया है। वहीं,
विनियमितीकरण
की मांग को लेकर अनुमोदित शिक्षक भी सपा प्रमुख से मिले। उन्होंने उम्मीद जताई कि
मुख्यमंत्री भी शिक्षकों के दर्द को समझेंगे।
शुरू हो गई राजनीति
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मनोज मिश्र ने
आरोप लगाया है कि टीईटी उत्तीर्ण हजारों अभ्यार्थियों के साथ सपा सरकार घोर अन्याय
कर रही है। हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद चयन प्रक्रिया में विलंब किया जा रहा
है। इन अभ्यर्थियों के लिए 31 मार्च 2014 तक का समय बहुत महत्वपूर्ण है। नियम के
अनुसार इसके बाद बीएड डिग्री धारक टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी प्राइमरी शिक्षा में
नियुक्ति के हकदार नहीं होंग। इसके अलावा भी समय-समय पर यूपी सरकार पर तमाम
भर्तियों के मामले में आरोप लगते रहे हैं। अगर यह मामला नहीं सुलझा, तो
2014 के आम चुनाव में यह एक वोट खींचने वाला मुद्दा भी बन सकता है।
क्या था सपा के घोषणापत्र में?
शिक्षा मित्र प्रशिक्षण के बाद शिक्षक बनाए
जाने की मांग को लेकर सपा विधायकों व मंत्रियों को चुनाव पूर्व जारी घोषणा पत्र की
याद दिलाएंगे। यह अभियान 15 दिसंबर तक चलेगा। यह निर्णय रविवार को उ.प्र. प्राथमिक
शिक्षा मित्र संघ की बैठक में किया गया। संघ अध्यक्ष गाजी इमाम ने कहा है कि सपा
ने वादा किया था कि प्रशिक्षण पूरा करने वाले शिक्षा मित्रों को शिक्षक के पद पर समायोजित
किया जाएगा।