कापियों में उतरी मोबाइल मैसेज की भाषा
Updated on: Sun, 01 Dec 2013 01:33 PM (ISटी)
इलाहाबाद(अमरीश
शुक्ल)। महर्षि पतंजलि विद्यामंदिर की शिक्षिका मृगनयनी आर्या परेशान हैं। उनकी
परेशानी का कारण कोई व्यक्तिगत नहीं बल्कि मूल्याकन के लिए आई छात्रों की उत्तर
पुस्तिकाएं हैं। कक्षा नौ से 12वीं तक के बच्चे उत्तर देते वक्त शब्दों की पूरी स्पेलिंग लिखने की
जगह सूक्ष्म रूप लिख रहे हैं। इसे समझना तो मुश्किल ही है, अंक देने में भी दिक्कत आ रही है। शब्द
के ऐसे छोटे रूप लिखे गए जो मोबाइल के मैसेज या फेसबुक पर चैटिंग के दौरान लिखते
हैं। शिक्षकों को मजबूरन स्पेलिंग गलत होने पर अंक काटने पड़ रहे हैं। यह समस्या
किसी एक स्कूल या संस्थान की नहीं है बल्कि लगातार बढ़ती जा रही है। आम तौर पर संदेशों में टेक केयर की जगह टीसी, वाइओयू की जगह यू और एआरई की जगह सिर्फ
आर लिखा जा रहा है। बच्चे फेसबुक, ट्विटर व मोबाइल मैसेज पर इतना ज्यादा समय बिता रहे हैं कि उनकी आदत
में शब्द का संक्षिप्त रूप लिखना शुमार होता जा रहा है। गंगा गुरुकुलम की
प्रिंसिपल अल्पना डे बताती हैं कि कॉपी जाचते समय शिक्षिका तो जानती है कि बच्चे
के कहने का मतलब सही है पर स्पेलिंग गलत होने की दशा में नंबर काटना मजबूरी है। यह
गंभीर मामला है। कई बार तो पूरा जवाब सही होता है पर स्पेलिंग गलत होने से प्रति
गलती आधा अंक काट लिया जाता है।
हमें भाषा का आदर करना चाहिए
भाषा
कोई भी हो उसका हमें आदर करना चाहिए। हम थोड़ा सा समय बचाने के चक्कर में जो भी
करते हैं उसका दूसरों पर क्या असर पड़ता है इसपर ध्यान नहीं देते। मैसेज या चैटिंग
करते समय हमें पूरी और सही स्पेलिंग लिखनी चाहिए। जब हम शार्टकट लेते हैं तो आगे
चलकर वही हमारी आदत बन जाती है। भाषा के दृष्टिकोण से यह घातक है।
- सिस्टर प्रभा, वाइस प्रिंसिपल सेंट मैरीज कॉन्वेंट
दैनिकजागरण