विधवा-तलाकशुदा
बेटियों को भी फैमिली पेंशन
1 जनवरी 2006 के पहले के पेंशनरों को भी मौका
लखनऊ।
कर्मचारियों व पेंशनरों के पारिवारिक पेंशन की पात्रता सूची में अब एक जनवरी 2006 के पहले वाले कर्मियों
व पेंशनरों की अविवाहित, विधवा
व तलाकशुदा बेटियां भी शामिल होंगी। शासन ने पारिवारिक पेंशन देने की पात्रता सूची
में ऐसी बेटियों के नाम शामिल करने का आदेश जारी कर दिया है। एक जनवरी 2006 व उसके बाद के लिए यह
व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है।
छठे
वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार शासन ने कर्मचारियों व पेंशनरों की पारिवारिक
पेंशन की पात्रता सूची में अविवाहित, विधवा व तलाकशुदा
पुत्रियों को भी शामिल करने का फैसला किया था। पहले पत्नी व अन्य शर्तों के अनुसार
परिवार के दूसरे सदस्यों को पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था थी। शासन ने एक जनवरी 2006 के बाद के कर्मचारियों
व पेंशनरों की ऐसी पुत्रियों के नाम पात्रता सूची में शामिल करने का आदेश कर दिया
था, मगर
2006 के
पहले वाले कर्मचारी व पेंशनर उस आदेश में शामिल नहीं थे। शासन को इस संबंध में
लगातार शिकायतें मिल रही थीं। बड़ी संख्या में ऐसे आवेदनों का निस्तारण नहीं हो पा
रहा था। विभागों से लगातार ऐसे मामले वित्त विभाग को परामर्श के लिए भेजे जा रहे
थे।
अब
वित्त विभाग ने इस संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद 1 जनवरी 2006 के पहले के
सेवानिवृत्त, मृत
कर्मचारियों व पेंशनरों की अविवाहित, विधवा व तलाकशुदा
पुत्रियों को भी पात्रता सूची में शामिल करने व नियमानुसार उसका लाभ देने का फैसला
किया है। विशेष सचिव वित्त नीलरतन कुमार की ओर से इस बाबत आदेश जारी कर दिया गया
है। खास बात यह है कि पारिवारिक पेंशन पाने वाली लड़कियों की पूर्व निर्धारित उम्र
सीमा (25 वर्ष)
भी खत्म कर दी गई है। अब ऐसी लड़कियां विवाह या पुनर्विवाह न करने पर आजीवन
पारिवारिक पेंशन का लाभ पा सकेंगी।