प्रदेश
में 118 फर्जी मदरसों का मामला
सरकारी
निर्देश ताक पर, नहीं शुरू की जांच
लखनऊ(ब्यूरो)।
फर्जी मदरसों के मामले में जिलाधिकारी कतई गंभीर नहीं हैं। शासन के निर्देश के तीन
सप्ताह बावजूद किसी भी जिलाधिकारी ने जांच शुरू करने की जहमत तक नहीं उठाई।
जिलाधिकारियों के इस रवैये पर अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के सचिव ने
नाराजगी जताते हुए एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट तलब की है।
‘अमर उजाला’ ने
गत छह अक्तूबर के अंक में प्रदेश के 118 मदरसे
कागजों में चलने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद सरकार सक्रिय हुई।
जिला स्तर के अफसरों की मिलीभगत के बगैर इस फर्जीवाड़े को अंजाम नहीं दिया जा सकता, लिहाजा सरकार ने विभागीय जांच के साथ ही
जिलाधिकारियों के जरिए भी जांच कराने का निर्णय किया था। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
ने 22 नवंबर को इसके आदेश भी जारी कर दिए थे।
इसके बावजूद किसी भी डीएम ने जांच शुरू नहीं की। इस पर अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ
विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने फिर संबंधित डीएम को कड़ी चिट्ठी लिखकर एक हफ्ते
में जांच रिपोर्ट भेजने को कहा है। साथ ही इस काम में वरिष्ठ व जिम्मेदार अफसरों
को लगाने के निर्देश दिए हैं।