फीस के नाम पर लाखों की बंदरबांट
सचिन त्रिपाठी रविवार, 1 दिसंबर 2013
लखनऊUpdated @ 2:48 AM IST
महेश
सिंह सरस्वती इंटर कॉलेज में कक्षा 10 में 563 ओर
कक्षा 12 में 593 स्टूडेंट्स हैं। इतने ही स्टूडेंट्स नवीं और 11वीं में हैं। डीआईओएस का आदेश था कि फीस जमा किए बगैर
परीक्षा व पंजीकरण फॉर्म नहीं दिए जाएंगे। इसके बावजूद स्काउट गाइड फीस के रूप में
केवल 504 रुपये जमा किए गए। नन्हें सिंह स्मारक
इंटर कॉलेज में हाईस्कूल और इंटर में मिलाकर 1500 से ज्यादा स्टूडेंट हैं। नवीं और 11वीं के स्टूडेंट्स की संख्या जोड़ने के
बाद यह संख्या दो हजार का आंकड़ा पार कर जाती है। इसके बावजूद कॉलेज की ओर से
स्काउट गाइड फीस के रूप में केवल 504 रुपये जमा किए हैं। स्काउट
गाइड की जिला समिति के पास जमा होने वाली स्काउट गाइड फीस में लाखों रुपये का खेल
हो गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक का स्पष्ट आदेश था कि बिना फीस जमा किए कॉलेजों
को परीक्षा या पंजीकरण फॉर्म नहीं दिया जाएगा। इसके बावजूद ब्राइट कॅरियर शिक्षण
संस्थान, सतगुरु स्वामी, आवासीय पब्लिक इंटर कॉलेज, एग्जान मांटेसरी समेत 113 कॉलेजों ने शिक्षा विभाग से मिलीभगत
करके बिना फीस जमा किए पंजीकरण और परीक्षा फॉर्म भर दिए। स्कूलों में छात्रों में
अनुशासन और हर स्थितियों से निपटने लायक बनाने के लिए स्काउट गाइड की ट्रेनिंग को
अनिवार्य किया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्काउट गाइड की फीस जमा करने के
लिए आदेश भी जारी किया है। आदेश के तहत कक्षा 9 से 12 तक
हर कॉलेज से प्रति स्टूडेंट 24 रुपये की दर से फीस जमा करनी है। कक्षा एक से आठ तक शिक्षा का
अधिकार अधिनियम के तहत कोई फीस नहीं ली जा सकती। इसलिए स्काउट गाइड फीस लेने की भी
मनाही है। कॉलेज में जमा हुई फीस में से 25 प्रतिशत राशि यानि छह रुपये राज्य और जिला स्काउट गाइड समिति के
खाते में जमा करनी होती है। दो रुपये प्रति बच्चे की दर से रैली का शुल्क
निर्धारित किया गया है। इस तरह से नवीं से 12वीं तक के विद्यालयों को प्रति बच्चा आठ रुपये जिला और राज्य समिति
के खाते में जमा करना होता है। बच्चों से स्काउट गाइड की फीस लेेने के बावजूद
कॉलेज समितियों के खाते में फीस का पैसा जमा नहीं करते हैं। इसलिए जिला विद्यालय
निरीक्षक ने बोर्ड परीक्षा फॉर्म और पंजीकरण फॉर्म देने से पहले स्काउट गाइड की
रसीद कटवाने के लिए 13
जुलाई 2013 को आदेश जारी किया था। इसके मुताबिक
बिना स्काउट गाइड की फीस जमा किए किसी को फॉर्म नहीं दिया जाएगा। बोर्ड परीक्षा
फॉर्म और पंजीकरण फॉर्म वितरण के समय में रसीद कटवाने के लिए काउंटर भी लगवाया
गया। काउंटर पर बैठे लोग रास्ता देखते रहे लेकिन 113 कॉलेजों ने एक भी रुपया जमा नहीं किया।
सैकड़ों स्टूडेंट्स वाले कई कॉलेजों ने मिलीभगत करके केवल कुछ छात्रों की फीस जमा
करके फॉर्म हासिल कर लिए। अब यह रुपया किसके खाते में गया इसका जवाब किसी भी
अधिकारी के पास नहीं है।
साभार अमरउजाला