हड़ताल से पहले दिन 650 करोड़
की चपत
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नवभारत टाइम्स | Nov 12, 2013, 10.08PM
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हड़ताल से पहले दिन 650 करोड़
की चपत
लखनऊ
वेतन विसंगति दूर करने समेत कई मांगों को लेकर
प्रदेश के 18 लाख राज्य कर्मचारी मंगलवार से बेमियादी
हड़ताल पर चले गए। हड़ताल का मिलाजुला असर दिखा। कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। न
ही किसी की गिरफ्तारी की खबर है।
आईजी (कानून-व्यवस्था) राजकुमार विश्वकर्मा ने
बताया कि हड़ताल का शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा असर देखा गया। सिंचाई
तथा लोक निर्माण विभाग के दफ्तरों में भी कामकाज प्रभावित रहा। बाकी दफ्तरों में
पांच से सात प्रतिशत कर्मचारी ही हड़ताल पर रहे। कुछ एक जगह जबरन तालाबंदी कराने
की खबरें आईं, लेकिन वे गलत पाई गईं।
राज्य कर्मचारी अधिकार मंच के अध्यक्ष मंडल के
सदस्य अजय सिंह और हरि किशोर तिवारी ने हड़ताल को बेहद सफल करार देते हुए बताया कि
इसमें लगभग 200 छोटे-बड़े कर्मचारी संगठन शामिल हैं। पहले ही
दिन राज्य सरकार को 650 करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगने का अनुमान
है। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि लखनऊ, वाराणसी,
इलाहाबाद, गोरखपुर, आगरा,
बरेली, झांसी समेत छोटे-बड़े सभी जिलों में कोई काम
नहीं हुआ।
राजधानी के जवाहर भवन, इन्दिरा
भवन, स्वास्थ्य निदेशालय तथा निबंधन कार्यालयों समेत पूरे प्रदेश के
महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के दफ्तरों के साथ-साथ
सिंचाई, कृषि, स्वास्थ्य, व्यापार
कर तथा तहसील कर्मियों के दफ्तरों में करीब 80 प्रतिशत
कर्मियों ने काम नहीं किया।
हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी
मांगें पूरी नहीं हुईं तो हड़ताल को और व्यापक रूप दिया जाएगा। कर्मचारी नेताओं का
दावा है कि दो-तीन दिनों में परिवहन विभाग के 60 हजार
कर्मचारियों समेत कुछ और विभाग हड़ताल में शामिल हो जाएंगे।
कर्मचारियों ने कीं सभाएं : कर्मचारी अपने-अपने
दफ्तरों के सामने गेट बंद कर पूरे दिन सभाएं करते रहे। इस दौरान उन विभागों में
काम से आए लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा।
अफसरों की मौज : हड़ताल की सूचना पहले से होने
की वजह से अफसर काफी देर से दफ्तर पहुंचे। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से उनके
पास भी कोई काम नहीं था। वे दफ्तरों में गपशप करते दिखे।
कहां कितना नुकसान
विभाग रुपये
वाणिज्य कर विभाग 210 करोड़
कर एवं निबंधन 120 करोड़
आबकारी 130 करोड़
राजस्व संग्रह 100 करोड़
आरटीओ 40 करोड़
अन्य 40 करोड़