Sunday, September 29, 2019

परिषदीय विद्यालयों में रखे जाएंगे काउंसलर


बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं के कारण लिया गया फैसला

जूनियर कक्षाओं के बच्चों में लगातार बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं को देखते हुए शासन ने परिषदीय विद्यालयों में काउंसलर रखे जाने योजना बनाई है। यह काउंसलर ब्लॉक स्तर पर बच्चों को हफ्ते में एक अथवा दो दिन सुविधानुसार उन्हें मोटीवेशनल क्लास देंगे। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश कुमार द्विवेदी ने इसके लिए मंजूरी दे दी है।
शासन से प्रस्ताव पास होते ही परिषदीय विद्यालयों के लिए काउंसलर नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बच्चों से बात करके उनकी मन: स्थिति भांपेंगे। अवसादग्रस्त बच्चों को स्वस्थ वातावरण देने के लिए खाका तैयार करेंगे। उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता को देखते हुए पढ़ाई, पेंटिंग, स्पोर्ट्स, सिं¨गग समेत अन्य अतिरिक्त गतिविधियों के लिए मार्गदर्शन देंगे। कवायद का मकसद है बच्चों में पढ़ाई को लेकर तनाव न हो ताकि उनके अंदर आत्महत्या जैसे विचार ही न आएं। योजना यह है कि काउंसलर के रूप में परिषदीय विद्यालयों के सेवानिवृत्त शिक्षकों अथवा कार्यरत अनुदेशकों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि वह विद्यालय के माहौल और बच्चों से पहले से ही परिचित होते हैं। काउंसलर के लिए उन्हें अलग से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

छोटी उम्र में ही बच्चों में अवसादग्रस्त होने और आत्महत्या जैसी घटनाएं चिंताजनक हैं। यह उनके खेलने-पढ़ने की उम्र है। इसलिए परिषदीय विद्यालयों में काउंसलर रखे जाने की योजना बनाई गई है।
डॉ. सतीश कुमार द्विवेदी, बेसिक शिक्षा मंत्री