Saturday, June 29, 2019

वाराणसी : सरकारी स्कूलों को पहचान बनाने की आवश्यकता है


शिक्षा शैक्षिक उन्नयन कार्यशाला में बोले डीएम-
सरकार विद्यालयों में बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जा रही है। इसके बावजूद अभिभावक अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। निजी स्कूलों में शुल्क अधिक होने के बावजूद तमाम अभिभावक सिफारिश करा कर बच्चों का दाखिले कराते हैं। यह चिंता का विषय है। सरकारी स्कूलों की शिक्षा के प्रति लोगों की धारणाओं को बदलने की जरूरत है। इसके लिए सरकारी स्कूलों को पहचान बनानी होगी। पहचान संसाधन से नहीं गुणवत्तायुक्त शिक्षा से संभव है। बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के शैक्षिक उन्नयन के लिए शुक्रवार को बड़ालालपुर स्थित टीएफसी सभागार में आयोजित कार्यशाला में ये बातें डीएम सुरेंद्र सिंह ने कही।
शिक्षकों को बदलनी होगी धारणा : उन्होंने अध्यापकों से सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों की धारणा बदलने की अपील की। इसके लिए उन्होंने अध्यापकों से टीम की भावना से कार्य करने का निर्देश दिया। कहा कि शिक्षकों के बदौलत ही पहचान बनाई जा सकती है। वहीं शिक्षकों की समस्याओं का समाधान सवरेपरि है। वह दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इसके चलते अब सरकारी विद्यालयों की स्थिति बदली है। कहा कि जिस समाज में शिक्षकों को सम्मान नहीं मिलेगा। वह समाज को भी सम्मान लायक नहीं रहने देगा। पढ़ाई के साथ खिलवाड़ देश के साथ खिलवाड़ है। किसी भी दशा में शिक्षा में ढिलाई बर्दाश्त नहीं है।
किया सम्मानित, बढ़ाया मनोबल : इस मौके पर डीएम ने सराहनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और उनका मनोबल बढ़ाया। बैठक में एसएसपी आनंद कुलकर्णी, सीडीओ गौरांग राठी, डीआइओएस डा. वीपी सिंह, बीएसए जय सिंह व अध्यापकों में रवींद्र कुमार सिंह, अब्दुल रहमान, शैलबाला मिश्र, आराधना दुबे, आकांक्षा शामिल थे।