मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने मदरसों में दीनी तालीम के साथ
एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पढ़ाई को भी मंजूरी दे दी है। मदरसों में उर्दू के साथ-साथ हिंदी व अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाई होगी।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा
मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी। शर्मा ने बताया कि
मदरसों में दीनी तालीम के अलावा गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर व सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों
की पढ़ाई नहीं होती है।
मदरसा बोर्ड ने मदरसों के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए दीनी-तालीम के साथ-साथ विषयवार व कक्षावार एनसीईआरटी की किताबें पाठ्यक्रम में शामिल करने और उर्दू के साथ हिंदी व अंग्रेजी माध्यम में भी पढ़ाई का प्रस्ताव किया है। कैबिनेट ने यूपी अशासकीय अरबी-फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली के भाग एक प्रस्तर 10(ज) में इन प्रावधानों को जोड़ने की मंजूरी दे दी है।
शर्मा ने कहा कि इससे मदरसा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा का स्तर सुधरेगा। वे मुख्यधारा में आ सकेंगे। उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड पोर्टल शुरू किए जाने से मदरसों की शिक्षा-प्रणाली में व्यापक सुधार आया है। पहले कक्षा 10 और 12 में जहां 4.77 लाख रजिस्ट्रेशन थे। नकल विहीन परीक्षा के प्रयास और पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था के बाद यह संख्या घटकर 2.77 लाख ही रह गई।
मदरसा बोर्ड ने मदरसों के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए दीनी-तालीम के साथ-साथ विषयवार व कक्षावार एनसीईआरटी की किताबें पाठ्यक्रम में शामिल करने और उर्दू के साथ हिंदी व अंग्रेजी माध्यम में भी पढ़ाई का प्रस्ताव किया है। कैबिनेट ने यूपी अशासकीय अरबी-फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली के भाग एक प्रस्तर 10(ज) में इन प्रावधानों को जोड़ने की मंजूरी दे दी है।
शर्मा ने कहा कि इससे मदरसा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा का स्तर सुधरेगा। वे मुख्यधारा में आ सकेंगे। उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड पोर्टल शुरू किए जाने से मदरसों की शिक्षा-प्रणाली में व्यापक सुधार आया है। पहले कक्षा 10 और 12 में जहां 4.77 लाख रजिस्ट्रेशन थे। नकल विहीन परीक्षा के प्रयास और पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था के बाद यह संख्या घटकर 2.77 लाख ही रह गई।