बेसिक शिक्षा अधिकारी
विभाग के बड़े अफसरों की भी नहीं सुन रहे हैं। यही वजह है कि बेसिक शिक्षा परिषद
सचिव संजय सिन्हा को एक माह के अंदर दूसरी बार परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक
विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पद निर्धारण करने का आदेश देना पड़ा है। नये
सिरे से पदों का निर्धारण
होने में शिक्षकों के
पद बढ़ना तय माना जा रहा है। उम्मीद है कि शिक्षकों की भर्तियां और तैनात शिक्षकों
के तबादले इसी रिपोर्ट के आधार पर हो सकेंगे।
बेसिक शिक्षा परिषद
के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद का फिर निर्धारण होना
है। 2010 के बाद दो साल पहले यह प्रक्रिया शिक्षामित्रों के
समायोजन के समय हुई, उसके बाद से प्रदेश
भर में बड़ी संख्या में नए विद्यालय खुले हैं साथ ही सभी स्कूलों में नए मानक के
अनुरूप शिक्षक भी नहीं है। यह जरूर है कि पिछले वर्षो में परिषदीय स्कूलों में
तमाम भर्तियां हुई हैं, फिर भी शिक्षकों के
तमाम पद खाली हैं। इसी बीच प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड गठित कर रही
है। माना जा रहा है कि सहायक अध्यापकों के पद निर्धारण कराना भी उसी तैयारी का
हिस्सा है और गर्मी की छुट्टियों में शिक्षकों के तबादलों का भी यह ठोस आधार होगा।1परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बीते 18 अप्रैल को बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश
दिया था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के परिपेक्ष्य में सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पद निर्धारण
किया जाए। सचिव ने आरटीई के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में अध्यापकों के पद निर्धारण
के लिए जिलों को प्रोफार्मा भी भेजा है।