Saturday, March 28, 2015

सरकारी स्कूलों के बच्चे बोलेंगे फर्राटेदार अंग्रेजी

 प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी अब फर्राटेदार अंग्रेजी बोलेंगे। उन्हें अंग्रेजी में बातचीत का सलीका सिखाया जाएगा। इसके लिए सूबे के 150 राजकीय हाईस्कूलों में इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स शुरू करने की तैयारी है।

इस पर प्रति छात्र 1000 रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने इसके लिए टोकन मनी के रूप में एक करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग नए सत्र से कोर्स शुरू करने की तैयारी में जुट गया है।

उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत राजकीय हाईस्कूल खोले गए हैं। इनमें हाईस्कूल तक की शिक्षा देने की व्यवस्था है। बाद में इन स्कूलों को इंटरमीडिएट तक कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार चाहती है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी दक्ष हों। वे जिस तरह हिंदी में बात करते हैं, उसी तरह अंग्रेजी में बात करें।

प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षक ऐसे नहीं हैं कि वे बच्चों को अंग्रेजी में बातचीत का सलीका सिखा सकें। इसलिए अंग्रेजी बोलने में ट्रेंड शिक्षकों को संविदा के आधार पर रखकर बच्चों को अंग्रेजी बोलना सिखाया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई जाएंगी। केंद्र सरकार उत्तराखंड में इसका प्रयोग कर चुकी है। वहां उन्नतिनाम से यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

अब नहीं खुलेंगे नए मॉडल स्कूल


केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत मॉडल स्कूल की योजना समाप्त कर दी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्यों से कह दिया है कि नए मॉडल स्कूल खोलने के लिए पैसा नहीं दिया जाएगा।

पूर्व में जिन मॉडल स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई है, उन्हें चलाने के लिए भी अलग से राज्यों को बजट नहीं दिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए 2010-11 में 148 और 2012-13 में 45 मॉडल स्कूल मंजूर किए थे। इनमें से अधिकतर स्कूलों का निर्माण पूरा हो चुका है और इन्हें सीबीएसई पैटर्न पर चलाने के लिए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।