अंकपत्र फर्जी मिले तो एफआइआर
जागरण संवाददाता, वाराणसी : प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित हुए सैकड़ों शिक्षामित्रों का वेतन अंकपत्रों के सत्यापन नहीं होने के कारण फंसा हुआ है। सत्यापन में हो रही देरी को देखते हुए शासन के निर्देश पर शिक्षमित्रों को सशर्त वेतन जारी करने का निर्णय लिया गया है। शर्त यह है कि सत्यापन में यदि अंकपत्र फर्जी मिले तो ऐसे शिक्षामित्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
जनपद में करीब 640 शिक्षामित्र दो अगस्त 2014 को प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किए जा चुके हैं। समायोजित होने के बावजूद सैकड़ों शिक्षामित्रों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे उनके अंकपत्रों का सत्यापन नहीं होना बताया जा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी रामचंद्र सिंह यादव ने बताया कि अंकपत्रों के सत्यापन में हो रहे विलंब को देखते हुए शासन ने उन शिक्षामित्रों का वेतन जारी करने का निर्देश दिया है जिनके हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंकपत्र सत्यापित हो चुके हैं। ऐसे शिक्षामित्रों को 31 दिसंबर वर्ष 2014 तक का वेतन भुगतान करने का निर्देश है। साथ ही ऐसे शिक्षामित्रों से इस आशय का शपथ पत्र भी अनिवार्य रूप से लेना है कि यदि उनके अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए तो उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराते हुए आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं शासन ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक दशा में 28 फरवरी 2015 तक अवशेष शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया जाए।
साभार दैनिकजागरण