Wednesday, December 11, 2013


अक्षय पात्र को पूरे प्रदेश में मिड डे मील का काम देने की पेशकश
 




लखनऊ। स्कूलों में बच्चों को शुद्ध, पौष्टिक एवं गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने अक्षय पात्र संस्था को पूरे प्रदेश में मिल डे मील का काम देने की पेशकश की है। फिलहाल अक्षय पात्र को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चार जिलों में काम दिया गया है। संस्था न सिर्फ ऑटोमेटिक मशीन से साफ-सुथरा पौष्टिक भोजन तैयार करके देती है बल्कि योजना में अपना अंशदान भी देती है। यह जानकारी बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में बसपा के धर्मपाल सिंह एवं अन्य सदस्यों के सवालों के जवाब में दी। उन्होंने दावा किया कि मिड डे मील से बच्चों में कुपोषण दूर करने में भी सफलता मिली है। मिड डे मील और पुष्टाहार को मिलाकर नई योजना शुरू करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है।

मूल प्रश्न के जवाब में चौधरी ने अप्रैल 2012 से अगस्त 2013 के बीच जहरीले या खराब मिड डे मील से किसी भी बच्चे की मृत्यु न होने का दावा करते हुए कहा कि समय-समय पर बच्चों के बीमार होने की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। धर्मपाल सिंह द्वारा मैनपुरी, बदायूं, खीरी, रायबरेली आदि जिलों में बच्चों के बीमार होने संबंधी सवालों पर उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई गई लेकिन बीमारी के दूसरे कारण पाए गए। भाजपा के सतीश महाना व राधा मोहन दास अग्रवाल तथा कांग्रेस के प्रमोद तिवारी के अनुपूरक सवालों के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि जहां भोजन बनता है, वहां साफ-सफाई, शेड आदि की व्यवस्था पहले से है। अफसरों द्वारा इसकी नियमित जांच भी की जाती है। इससे अलग हटकर अगर कोई सुझाव आता है तो सरकार विचार कर लेगी।