Sunday, July 14, 2019

गड़बड़झाला: तीन दिन में फट गए ‘सरकार’ के मोजे


योगी आदित्यनाथ की सरकार परिषदीय स्कूलों में तमाम सहूलियतें देकर बच्चों को रोज स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है लेकिन कमीशनबाजी का खेल नेक इरादों पर पलीता लगा रहा है। प्रयागराज में कई जगह विद्यार्थियों को दिए मोजे तीन दिन में ही फटने लगे हैं। जूते और यूनीफार्म की क्वालिटी भी खराब है। शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने स्कूलों में विशेषज्ञों को भेजकर गुणवत्ता की जांच शुरू कराई है।
इस सत्र में सभी बच्चों को दो जोड़ी यूनीफार्म दिए जा रहे हैं। जूते मोजे भी हफ्ते भर से बंट रहे हैं। आदर्श पूर्व माध्यमिक विद्यालय नार्थ मलाका में बांटे गए कई बच्चों के मोजे फटे मिले। कई बच्चों के मोजों में इतना ¨खचाव आ गया है कि वह कुछ दिन में फट जाएंगे। इस स्कूल में एक शिक्षिका ने कहा कि संभव है कि पिछले सत्र के पुराने मोजे हों। वैसे यहीं कक्षा चार की छात्र चांदनी ने बताया कि तीन दिन पहले ही जूते मोजे मिले हैं। शिक्षिकाओं ने माना कि जूते भी बेहद खराब हैं। यूनीफार्म का कपड़ा सूती नहीं, बल्कि टेरीकाट का लग रहा है। एक शिक्षक ने कहा कि यदि मोजे तीन दिन में फट जाएं अथवा जूते बेहद खराब हों तो इसमें वह (शिक्षक) कुछ नहीं कर सकते। इसकी खरीद में शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है। शासन स्तर से टेंडर हुआ था। यूनीफार्म स्कूल की समिति खरीद रही है।
जिलाधिकारी स्तर से गठित टीम ने इस स्कूल में यूनीफार्म के सैंपल जांच के लिए अपने पास ले लिया है। खंड शिक्षा अधिकारी (नगर क्षेत्र) ज्योति शुक्ला कहती हैं कि जूते मोजे तो शासन स्तर से आए हैं, लेकिन यूनीफार्म स्कूलों की समिति खरीद रही है। उन्होंने सभी प्रधानाध्यापकों को आगाह किया है कि यूनीफार्म की गुणवत्ता शासन से तय मानक के तहत होना चाहिए। इसमें लापरवाही होने पर कार्रवाई होगी। यूनीफार्म के लिए स्वीकृत कपड़े में 67 फीसद पालिस्टर और 33 फीसद कॉटन यानी सूती होना चाहिए। इस मसले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुशवाहा ने कहा कि उन्हें मोजे फटने की जानकारी नहीं हैं। वह इस बारे में पता करेंगे। अगर मोजों की क्वालिटी खराब है तो इसकी सूचना शासन को भेजी जाएगी।