Saturday, June 22, 2019

वाराणसी : अब किराये के भवन में नहीं खुलेंगे परिषदीय विद्यालय


  • अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में भी हिन्दी अनिवार्य रूप से होगा पढ़ाना।
  • सभी विद्यालयों मं राष्ट्रगान व राष्ट्र गीत होगा अनिवार्य।
  • परिषद द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम व किताबें ही होंगे मान्य।
  • विद्यालय परिसर या मैदान में व्यावसायिक उपयोग प्रतिबंधित।
  • कक्षा पांच तक के लिए सुरक्षित कोष दस हजार से बढ़कर हुई एक लाख
  • कक्षा आठ तक के लिए शासन ने 25 हजार से बढ़ाकर किया डेढ़ लाख
  • प्राथमिक स्तर (कक्षा-एक से पांच तक)

बेसिक शिक्षा परिषद ने मान्यता के मानक अब कड़े कर दिए हैं। बदले मानक में जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों की मान्यता अब आसान नहीं रही। नए मानक के तहत अब किराये के भवन में विद्यालय नहीं खुल सकते हैं। विद्यालय या सोसाइटी के नाम से भूमि-भवन होने पर ही विभाग मान्यता प्रदान करेगा। पहले रजिस्टर्ड किरायेदारी पर भी विद्यालयों को मान्यता मिल जाती थी। किरायेदारी में खेल को देखते हुए शासन ने यह बदलाव किया है।
इसके अलावा अब खेल का मैदान भी अनिवार्य कर दिया गया है। इसके चलते अब नए विद्यालय नहीं खुल रहे हैं। दूसरी ओर मान्यता के लिए आवेदन पहली अप्रैल से वितरित किए जा रहे हैं। करीब तीन माह में महज दो विद्यालयों ने मान्यता के लिए आवेदन किया है। हालांकि आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। वहीं एक हजार रुपये विलंब शुल्क के साथ 31 अक्टूबर तक आवेदन जमा किए जा सकते हैं।
सुरक्षित कोष में भारी वृद्धि : शासन ने मान्यता शुल्क व सुरक्षित कोष में भी भारी वृद्धि कर दी है। पहले कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय की मान्यता के लिए दो हजार व कक्षा एक से आठ के लिए तीन हजार रुपये शुल्क लगता था। अब प्राइमरी सेक्शन की मान्यता के लिए दस हजार व जूनियर सेक्शन के लिए 15,000 रुपये शुल्क जमा करना होगा। वहीं कक्षा पांच तक के लिए सुरक्षित (प्रतिभूति) कोष एक लाख व आठ तक के लिए डेढ़ लाख कर दिया गया है जबकि पहले सुरक्षित कोष के रूप में दस हजार व 25000 रुपये जमा करना होता था। बढ़ा शुल्क वर्तमान सत्र से लागू हो गया है। ऐसे में अब पूंजीपति ही विद्यालयों का संचालन कर सकते हैं।