आरक्षण में ‘राउंडिंग ऑफ’ का फार्मूला खत्म
प्रदेश
सरकार ने आरक्षित रिक्तियों की गणना तय प्रतिशत के आधार पर करते समय ‘राउंडिंग ऑफ’ के फार्मूले को खत्म कर दिया
है। अब आरक्षण की गणना पूर्णांक के आधार पर की जाएगी। शासन ने बदली हुई व्यवस्था
तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए आदेश जारी कर दिया है।
शासन
के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में आरक्षित रिक्तियों की गणना
निर्धारित प्रतिशत के आधार पर करते समय गणित के राउंडिंग आफ के सिद्धांत पर की
जाती है। इस फार्मूले से गणना पर आरक्षित श्रेणी की रिक्तियां, आरक्षित श्रेणी के लिए
अनुमन्य प्रतिशत से अधिक भी हो जाती हैं। वर्तमान में आरक्षण की गणना में यदि
प्रतिशत के आधार पर आरक्षित रिक्तियों की संख्या 1.5 आती है तो दूसरा पद दे दिया जाता है। यह आरक्षण
नियमों के विरुद्ध है।
शासन
ने तय किया है कि अब आरक्षित रिक्तियों की गणना में राउंडिंग ऑफ के सिद्धांत को नहीं
अपनाया जाएगा बल्कि केवल पूर्णांकों को ही संज्ञान लिया जाएगा। भिन्न (फ्रैक्शन)
को नजरंदाज किया जाएगा। मसलन, यदि प्रतिशत केआधार पर आरक्षित रिक्तियों की
संख्या 1.5
आती
है तो एक केवल एक पद/रिक्ति आरक्षित की जाएगी। इसी तरह गणना में आरक्षित रिक्तियों
की संख्या यदि 1.99
आती
तो भी आरक्षित पद/रिक्ति की गणना एक ही होगी।
मुख्य
सचिव आलोक रंजन ने आरक्षण की गणना के नए प्रावधानों के संबंध में आदेश जारी कर
दिया है। उन्होंने समस्त प्रमुख सचिवों व सचिवों, समस्त विभागाध्यक्षों व कार्यालयाध्यक्षों तथा
समस्त मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को सरकारी सेवाओं और पदों पर आरक्षण की गणना
के संबंध में नए प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है।
इस तरह मिलता
है आरक्षण
सरकारी
सेवाओं और पदों पर आरक्षण निर्धारण की नई व्यवस्था
•अनुसूचित जाति - 21 प्रतिशत
•अनुसूचित जनजाति- 02 प्रतिशत
•अन्य पिछड़ा वर्ग- 27 प्रतिशत
अब
पूर्णांक के आधार पर ही मिलेगा आरक्षण
1.1
से 1.99 प्रतिशत तक एक ही पद मिलेगा
केवल
समूह ‘ग’ एवं ‘घ’ के पदों पर
•विकलांगजन- 03 प्रतिशत
•स्वतंत्रता संग्राम
सेनानियों के आश्रित - 02 प्रतिशत
•भूतपूर्व सैनिकों -05
•हॉरिजॉन्टल आरक्षण : महिला -
20 प्रतिशत
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने जारी किया आदेश ->