बीटीसी एडमिशन
में छात्रों को राहत देने की तैयारी
शैलेंद्र श्रीवास्तव गुरुवार, 12 दिसंबर
2013 अमरउजाला लखनऊ Updated @ 10:16 PM IST
बीटीसी कोर्स में प्रवेश के लिए
नियमों को सरल करने की तैयारी है। इसका मुख्य मकसद पात्र छात्रों को अधिक से अधिक
मौका देना है।
उदाहरण के लिए यदि पिछड़ा वर्ग के छात्रों के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है और वे मेरिट के आधार पर सामान्य वर्ग में आते हैं तो उन्हें प्रवेश दे दिया जाएगा।
इसी तरह नि:शक्तों के पास यदि प्रमाण पत्र नहीं है और इस वर्ग के लिए आवेदन किया है और सामान्य वर्ग की मेरिट में आते हैं तो उन्हें प्रवेश दे दिया जाएगा।
इसके अलावा गलत फॉर्म भरने वालों को संशोधन का एक और मौका देने पर विचार किया जा रहा है।
शासन स्तर पर इस संबंध में उच्चाधिकारियों की बैठक में मंथन हो चुका है। न्याय विभाग से राय मांगी गई है, ताकि कानूनी पेंच न फंसे। वहां से राय मिलने के बाद आदेश जारी कर दिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने बीएड वालों को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका 31 मार्च 2014 तक ही दे रखा है।
इसके चलते बीटीसी करने वालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। इस बार प्रदेश में 6 लाख 68 हजार 700 आवेदन हुए हैं। इनमें से करीब 8000 आवेदकों ने गलत फॉर्म भर रखे हैं।
यह स्थिति तब है जब राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने आवेदकों को संशोधन का दो मौका दिया। इसलिए शासन स्तर पर विचार किया जा रहा है कि गलत फॉर्म भरने वालों को एक मौका और दे दिया जाए, ताकि दुबारा शिकायत की स्थिति न आए।
इसी तरह आरक्षित वर्ग में पिछड़े, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित और नि:शक्तों को भी राहत देने पर विचार किया जा रहा है।
पूर्व में यदि आरक्षित वर्ग वाले सामान्य वर्ग में आते थे और प्रमाण पत्र नहीं देते थे, तो उन्हें बाहर कर दिया जाता था। मौजूदा समय प्रदेश में बीटीसी की 41 हजार से अधिक सीटें हैं।
इन सीटों पर प्रवेश देने के लिए मेरिट जारी की जा चुकी है। पात्रता श्रेणी में आने वालों की काउंसलिंग प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू करने की तैयारी है। इसलिए इस पर जल्द ही निर्णय किया जाना है, ताकि बीटीसी कोर्स शुरू किया जा सके।
उदाहरण के लिए यदि पिछड़ा वर्ग के छात्रों के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है और वे मेरिट के आधार पर सामान्य वर्ग में आते हैं तो उन्हें प्रवेश दे दिया जाएगा।
इसी तरह नि:शक्तों के पास यदि प्रमाण पत्र नहीं है और इस वर्ग के लिए आवेदन किया है और सामान्य वर्ग की मेरिट में आते हैं तो उन्हें प्रवेश दे दिया जाएगा।
इसके अलावा गलत फॉर्म भरने वालों को संशोधन का एक और मौका देने पर विचार किया जा रहा है।
शासन स्तर पर इस संबंध में उच्चाधिकारियों की बैठक में मंथन हो चुका है। न्याय विभाग से राय मांगी गई है, ताकि कानूनी पेंच न फंसे। वहां से राय मिलने के बाद आदेश जारी कर दिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने बीएड वालों को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका 31 मार्च 2014 तक ही दे रखा है।
इसके चलते बीटीसी करने वालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। इस बार प्रदेश में 6 लाख 68 हजार 700 आवेदन हुए हैं। इनमें से करीब 8000 आवेदकों ने गलत फॉर्म भर रखे हैं।
यह स्थिति तब है जब राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने आवेदकों को संशोधन का दो मौका दिया। इसलिए शासन स्तर पर विचार किया जा रहा है कि गलत फॉर्म भरने वालों को एक मौका और दे दिया जाए, ताकि दुबारा शिकायत की स्थिति न आए।
इसी तरह आरक्षित वर्ग में पिछड़े, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित और नि:शक्तों को भी राहत देने पर विचार किया जा रहा है।
पूर्व में यदि आरक्षित वर्ग वाले सामान्य वर्ग में आते थे और प्रमाण पत्र नहीं देते थे, तो उन्हें बाहर कर दिया जाता था। मौजूदा समय प्रदेश में बीटीसी की 41 हजार से अधिक सीटें हैं।
इन सीटों पर प्रवेश देने के लिए मेरिट जारी की जा चुकी है। पात्रता श्रेणी में आने वालों की काउंसलिंग प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू करने की तैयारी है। इसलिए इस पर जल्द ही निर्णय किया जाना है, ताकि बीटीसी कोर्स शुरू किया जा सके।