Friday, December 13, 2013


बीएड जल्द हो जाएगा दो साल का

शुक्रवार, 13 दिसंबर 2013 अमरउजाला लखनऊ




शिक्षकों को विद्यार्थियों के अनुसार प्रशिक्षण देने के लिए देश में जल्द ही दो वर्ष का बीएड कोर्स शुरू करने की तैयारी है।
इसके साथ ही बैचलर इन एलीमेंट्री एजूकेशन जैसे कोर्स को भी राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की तैयारी की जा रही है।

यह जानकारी नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन (एनसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. संतोष पांडा ने दी। वे बीबीएयू में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय कुलपति सम्मेलन में शामिल होने आए थे।
उन्होंने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नीति बनाई जा रही है। ऐसे में ज्यादा विस्तार से कुछ नहीं कहा जा सकता।
मीट के दौरान एजूकेशनल सिनेरियो: इंक्लूसिव एजूकेशनपर आयोजित सत्र को संबोधित करते प्रो. पांडा ने कहा कि नए कोर्सेस के लिए एनसीटीई और यूजीसी मिलकर काम कर रहे हैं।
निश्चित तौर पर इसके अच्छे परिणाम निकल कर आएंगे। इसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी जस्टिस जीएस वर्मा हाई पॉवर कमेटी के सुझावों के तहत ही काम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ग्रेजुएशन के बाद दो वर्ष का बीएड कोर्स किया जा सकेगा। जबकि बैचलर इन एलीमेंट्री एजूकेशन कोर्स 12वीं के बाद किया जा सकेगा।
प्रो. पांडा ने कहा कि इन कोर्सेज का फायदा शिक्षकों के प्रशिक्षण को लेकर सामने आ रही समस्याओं को दूर करने में मिलेगा तो साथ ही मल्टी डिसीप्लिनरी अप्रोच के साथ भी पढ़ाई करवाई जा सकेगी।
इसमें विश्वविद्यालयों की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि वे इन कोर्सेज को लोकप्रिय करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगी। इसका लक्ष्य है कि शिक्षण को शिक्षकों पर केंद्रित न रखकर विद्यार्थियों पर केंद्रित किया जाए।
दलितों व पिछड़ों को बढ़ावा देना होगा
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. यूएस रावत ने अपने व्याख्यान में बताया कि देश में निजी उच्च शिक्षण संस्थान आरक्षण के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
इनसे संबंधित विवि व प्राइवेट विश्वविद्यालयों को अपने यहां एससी/एसटी सेल सक्रिय रखने होंगे तभी आरक्षण के नियमों का सही पालन संभव होगा।
मौजूदा हालात में दलित और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थी ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियों में लगातार पिछड़ रहे हैं। एसटी सीटों में जीईआर 11.5 तो ओबीसी में 14.7 रह गया है।