लॉकडाउन के
बीच
माध्यमिक
शिक्षा
परिषद
ने
भी
यूपी
बोर्ड
के
स्कूलों
को
छात्रों
की
ऑनलाइन
क्लासेज
शुरू
करने
के
निर्देश
दिए
हैं, लेकिन
यूपी
बोर्ड
के
अधिकांश
स्कूलों
के
छात्रों
के
पास
न स्मार्ट
फोन
है
और
न ही
इंटरनेट
की
सुविधा।
एक
अनुमान
के
मुताबिक
करीब
80 फीसदी छात्र स्मार्ट
फोन
और
इंटरनेट
सेवा
का
इस्तेमाल
नहीं
करते
हैं।
ऐसे
में
बोर्ड
की
ओर
से
लगने
वाली
वर्चुअल
क्लासेज
का
छात्रों
को
कोई
फायदा
नजर
नहीं
आ रहा।
परिषद की
ओर
से
जारी
निर्देशों
के
तहत
यूपी
बोर्ड
के
स्कूलों
के
छात्रों
की
भी
ऑनलाइन
पढ़ाई
कराई
जाएगी।
व्हाट्सअप
वर्चुअल
क्लास
के
माध्यम
से
छात्रों
की
कक्षाएं
चलेंगी
और
असाइनमेंट
दिए
जाएंगे।
प्रधानाचार्यों
के
व्हाट्सएप
ग्रुप
पर
चर्चा
की
जाएगी
कि
रोजाना
पाठ्यक्रम
के
कितने
हिस्से
पढ़ाने
होंगे।
वहीं, विभाग
द्वारा
ई-लेक्चर
के
वीडियो
और
ई-किताबें
ग्रुप
पर
मुहैया
कराई
जाएंगी।
प्रधानाचार्य
अपने
शिक्षकों
के
ग्रुप
पर
उन
सभी
बातों
का
निर्देश
देंगे
और
विभाग
द्वारा
मुहैया
कराई
गई
पाठ्यसामग्री
को
शेयर
करेंगे।
शिक्षक
अपनी
कक्षा
के
छात्रों
का
व्हाट्सएप
ग्रुप
बनाकर
ऑनलाइन
लेक्चर, वीडियो
पाठ्यसामग्री
आदि
मुहैया
कराएंगे।
शिक्षकों
को
बाकायदा
टाइम
टेबल
बनाकर
पढ़ाना
होगा।
छात्रों के
पास
न इंटरनेट
है
न मोबाइल
स्कूलों की
यह
सारी
कवायदें
तभी
सफल
हो
पाएंगी
जब
अधिक
से
अधिक
छात्रों
को
ऑनलाइन
जोड़ा
जाएगा।
फिलहाल
यूपी
बोर्ड
के
80 प्रतिशत छात्रों के
पास
न स्मार्ट
फोन
है
और
न इंटरनेट
कनेक्शन।
यूपी
बोर्ड
के
स्कूलों
में
अधिकांश
वो
छात्र
पढ़ते
हैं
जिनके
परिवार
की
आर्थिक
स्थिति
अच्छी
नहीं
होती।
खासकर राजकीय
और
सहायता
प्राप्त
विद्यालयों
में।
इन
विद्यालयों
के
अधिकांश
छात्रों
के
परिवार
में
महज
एक
ही
फोन
है
वह
भी
कीपैड
वाला।
राजकीय
कन्या
इंटर
कॉलेजों
की
95 फीसदी से ज्यादा
छात्राओं
के
पास
अपना
मोबाइल
नहीं
है।
केवल
शहरी
क्षेत्र
में
इक्के-दुक्के
स्कूल
यूपी
बोर्ड
से
मान्यता
प्राप्त
हैं, जिनमें
अध्ययनरत
छात्रों
की
आर्थिक
स्थिति
सामान्य
है।
सबसे अधिक
छात्र
ग्रामीण
इलाकों
से
उत्तर प्रदेश
माध्यमिक
शिक्षक
संघ
के
प्रदेशीय
मंत्री
डॉ.
आरपी
मिश्र
ने
बताया
कि
यूपी
बोर्ड
के
अधिकांश
छात्र
आर्थिक
रूप
से
कमजोर
हैं।
80 प्रतिशत से ज्यादा
छात्रों
के
पास
न तो
इंटरनेट
है
न ही
मोबाइल।
यूपी
बोर्ड
के
स्कूलों
में
सबसे
ज्यादा
छात्र
संख्या
ग्रामीण
इलाकों
की
होती
है।
वहां
इंटरनेट
की
कनेक्टिविटी
भी
बहुत
खराब
है।
ऐसे
में
उन्हें
ऑनलाइन
पढ़ाई
का
लाभ
नहीं
मिलेगा।
संघ ने
मुख्यमंत्री
को
लिखा
पत्र
उत्तर प्रदेश
माध्यमिक
शिक्षक
संघ
के
प्रदेश
अध्यक्ष
व विधान
परिषद
के
नेता
शिक्षक
दल
ओम
प्रकाश
शर्मा
ने
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
और
उप
मुख्यमंत्री
डॉ.
दिनेश
शर्मा
को
पत्र
लिखकर
ऑनलाइन
शिक्षण
व्यवस्था
से
सामान्य
एवं
निर्धन
परिवार
के
बच्चों
को
वर्चुअल
क्लासेज
से
वंचित
होने
से
बचाने
की
मांग
की
है।
उन्होंने कहा
कि
ऑनलाइन
शिक्षा
के
लिए
लैपटॉप
या
उच्च
श्रेणी
का
मोबाइल
और
तेज
इंटरनेट
सेवा
की
आवश्यकता
है, जिसका
अभाव
छात्रों
में
तो
है
ही
वहीं
कई
यूपी
बोर्ड
के
शिक्षकों
में
भी
है।
ऐसी
स्थिति
में
अनेक
परिवार
ऑनलाइन
शिक्षण
व्यवस्था
से
वंचित
रहेंगे।