जनपद के 50 विद्यालयों को मॉडल
बनाने का निर्णय लिया गया है। इन स्कूलों के बच्चों को पढ़ने के लिए लर्निग लैब
स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा भवन,
फर्श, दीवारों को मरम्मत, फूल-पौधों से विद्यालयों को आकर्षक बनाया जाएगा। साथ ही लर्निग लैब, हैंडवाश, पेयजल, सहित अन्य सुविधाओं
से लैस किया जाएगा।
लर्निग लैब विकसित करने के लिए मंगलवार
को प्राथमिक विद्यालय (सिहोरवा) में आयोजित उन्मुखीकरण कार्यशाला में ये बातें
बतौर मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी गौरांग राठी ने कही। बेसिक शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जीइएजी व यूनिसेफ
के सहयोग में आयोजित कार्यशाला में उन्होंने बरसाती पानी के संचयन के लिए विद्यालय
में गड्ढा बनाने का सुझाव दिया। साथ ही पौधरोपण करने का निर्देश दिया। वास
परियोजना, यूनीसेफ के मंडलीय सलाहकार ने कहा कि
स्वच्छ विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए ताकि उनका मनोबल और बढ़ सके।
उन्होंने ऑपरेशन कायाकल्प तहत विद्यालयों में शौचालय, मूत्रलय, हैंड
वाशिंग, स्वच्छ पेयजल, जल संरक्षण सहित अन्य कार्य कराने का सुझाव दिया। इस मौके पर
बीएसए जय सिंह,
आठ बीईओ, सहायक विकास अधिकारी, 50 विद्यालयों
के अध्यापक, सचिव ग्राम प्रधान, परियोजना के मंडलीय सलाहकार विद्या भूषण सिंह वाश परियोजना
नन्हकू सरोज सहित लोग उपस्थित थे।
स्वागत व संचालन डीआरपी वास
परियोजना जीईएजी यूनीसेफ के जितेंद्र द्विवेदी ने किया।