Wednesday, December 25, 2013

राजकीय आयुर्वेद कालेज का मामला, शासन तक पहुंची शिकायत
प्रोफेसर पद पर प्रमोशन के लिए फर्जीवाड़ा
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी। राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में फर्जीवाड़े के आधार पर प्रोफेसर पद हासिल करने का मामला सामने आया है। इस मामले की शिकायत आयुष विभाग के निदेशक और प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) से किए जाने के बाद महकमे में हड़कंप की स्थिति है। कहा जा रहा है कि इस मामले की गहराई से जांच की गई तो प्रमोशन और नियुक्ति के ऐसे कई प्रकरणों से परदा उठ सकता है।
प्रमोशन के लिए फर्जीवाड़ा करने की यह शिकायत संपूर्णानंद संस्कृत विवि परिसर स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में प्रवक्ता के पद पर तैनात डा. एसके दुबे ने की है। उन्होंने यहां तैनात रहे डा. अमरनाथ के उन अनुभव प्रमाण पत्रों को फर्जी करार दिया है, जिसे उन्होंने अपने प्रमोशन के लिए लोक सेवा आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया था। आयुष विभाग के निदेशक डा. आरआर चौधरी को भेजे पत्र में डा. सुशील ने डॉ. अमरनाथ के उन प्रमाण पत्रों को भी शामिल किया है, जिसमें एक ही समय में वे दो अलग-अलग संस्थानों में सेवारत दिखाए गए हैं। एक जगह बाबेके आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में आठ सितंबर, 03 से 17 जनवरी, 06 तक वह प्रवक्ता के रूप में तैनात बताए गए हैं, जबकि 20 जुलाई, 05 से 17 जुलाई, 06 तक अमरनाथ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आजमगढ़ में भी संविदा पर तैनात रहे हैं। इसकी पुष्टि एक आरटीआई के माध्यम से आजमगढ़ के सीएमओ ने भी की है। एक और अनुभव प्रमाण पत्र उन्होंने लगाया है, जिसके तहत 18 जनवरी, 06 से आठ मई, 08 तक वे गुरुनानक आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज पंजाब में भी तैनात रहे हैं। फिलहाल अमरनाथ राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय हंडिया, इलाहाबाद में प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं। इस बारे में ‘अमर उजाला’ से बातचीत में प्रो. अमरनाथ ने फर्जीवाड़े के आरोप को पूरी तरह गलत बताया। कहा कि वह जांच का सामना करने को तैयार हैं।
एक ही अवधि में दो संस्थानों में सेवा देने का लगाया गया है अनुभव महकमे में मचा हड़कंप