Wednesday, December 25, 2013

एसएमसी' को कोई अधिकार नहीं


Wed, 25 Dec 2013 01:02 AM (IST)

वाराणसी : शासन के निर्देश पर सभी परिषदीय विद्यालयों में स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी- स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) गठित है। कागज पर समिति को बहुतायत अधिकार हैं किंतु हकीकत इससे इतर है। प्रधानाध्यापक समिति के सदस्यों से बहुतायत बातें गोपनीय रखते हैं। चेक पर ऐन-केन-प्रकारेण हस्ताक्षर करा लिए जाते हैं पर पूरी बात नहीं बतायी जाती है। शासन का निर्देश है कि बच्चों को नि:शुल्क ड्रेस वितरण की जिम्मेदारी 'एसएमसी' को दी जाए लेकिन यहां ड्रेस की गुणवत्ता पर सवाल उठाने तक का अधिकार नहीं दिया जाता है। कई स्कूलों में वर्षो से हैंडपंप खराब है, बच्चों को पानी घर से लाना पड़ रहा है किंतु शिकायत की सुनवाई नहीं हो रही है।
सहभागी शिक्षण केंद्र की ओर से मंगलवार को लहुराबीर स्थित एक होटल में ' शिक्षा, पोषण व नेतृत्व' के मुद्दे पर परिचर्चा हुई। इसमें विकास खंड चोलापुर, हरहुआ से स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों ने यह बातें रखीं। रामपुर स्कूल की एसएमसी अध्यक्ष अर्चना ने कहा कि हमारे यहां अधिकारों के प्रयोग से रोका जा रहा है। स्कूल व अभिभावकों के बीच की दूरी बढ़ाई जा रही है जो गलत है।
ग्राम पंचायत मोलनापुर के प्राथमिक स्कूल में हैंडपंप रिबोर की समस्या पिछले एक वर्ष से है किंतु बजट नहीं मिला। धरसौना स्कूल के अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि स्कूलों में वित्तीय मामले में गोपनीयता बरती जाती है। चेक पर समय से हस्ताक्षर करा लिया जाता है। कुछ लोगों ने स्कूलों में सफाई की व्यवस्था व शैक्षिक गुणवत्ता पर रोष जताया। रीता ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन मापने वाली खराब मशीनों के बारे विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन सुधर व रामाकांत ने किया। धन्यवाद ज्ञापन स्वप्ना ने किया ।
बच्चों को ड्रेस का
रंग पंसद नहीं
परिषदीय स्कूलों में नि:शुल्क वितरण किए गए गए। खाकी के रंग बच्चों को रास नहीं आ रहे हैं। विद्यालय, दसनीपुर के एसएमसी की उपाध्यक्ष सुनीता ने कहा कि बच्चों के बीच ड्रेस का वितरण कर दिया गया है लेकिन यह रंग बच्चों को पंसद नहीं है। बच्चे इसे पाने के बाद खुश नहीं होते। वह सिफारिश करते हैं कि मेम, दूसरे कलर का ड्रेस नहीं मिल सकता।