Wednesday, December 25, 2013

अब गुरुजी बनने के लिए लगानी होगी दौड़


Wed, 25 Dec 2013 01:52 AM (IST)

जागरण संवाददाता, वाराणसी : अब यदि आपको शारीरिक शिक्षा का अध्यापक बनना है तो केवल शैक्षिक योग्यता रखना ही काफी नहीं है। शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ दौड़ने का अभ्यास भी करना होगा। नए नियमावली के तहत अब शारीरिक शिक्षा के अध्यापक पद के लिए दौड़ की परीक्षा में भी सफल होना अनिवार्य कर दिया गया है। इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को ही साक्षात्कार में बुलाया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों व डिग्री कालेजों में अध्यापकों की नियुक्ति के लिए संशोधित नियमावली जारी कर दी है। इस संबंध में शासनादेश महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन को भी प्राप्त हो चुका है। इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन से परिनियम में संशोधन कर अब नए नियम के तहत अध्यापकों का चयन करने का निर्देश दिया गया है। संशोधित नियमावली में शारीरिक शिक्षा के अध्यापक बनने के लिए विभिन्न आयु वर्ग के अभ्यर्थियों को अगल-अलग दौड़ की सीमा निर्धारित की गई है। विभिन्न आयु वर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों को 12 मिनट में 1800 से लेकर 800 मीटर की दौड़ परीक्षा पास करना अनिवार्य है। वहीं विभिन्न वर्ग के महिलाओं को आठ मिनट 1000 से 400 मीटर की दौड़ लगानी पड़ेगी। अभ्यर्थियों का चयन स्टेट मेडिकल बोर्ड के सत्यापन होने के बाद ही होगा। नए नियमावली के तहत अब प्रवक्ता व रीडर का पद समाप्त कर इसके स्थान पर प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर कर दिया गया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अध्यापकों की नियुक्ति व पदोन्नति के लिए कई और संशोधन किया है। यूजीसी के निर्देश पर राज्य सरकार ने भी लागू कर दिया है। इसके तहत विश्वविद्यालयों से परिनियम संशोधन के लिए कहा गया है।