Wednesday, December 25, 2013

इंटरनेट की मार्क्सशीट से भी बीटीसी में एडमिशन




बीटीसी में काउंसलिंग के दौरान इंटरनेट की मार्क्सशीट लाने वालों को भी दाखिला मिलेगा। शासन ने इसकी मंजूरी दे दी है।

आरक्षित वर्ग के जिन अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग की तारीख तक जाति प्रमाण पत्र लगाए हैं उन्हें भी दाखिले से रोका नहीं जाएगा।

जिन्होंने जाति प्रमाण पत्र नहीं लगाए थे उनके दाखिले निरस्त नहीं होंगे। उन्हें सामान्य श्रेणी में मानते हुए दाखिला दिया जाएगा।

आवेदन में अन्य गलतियों का संशोधन कराने के लिए भी शासन ने अभ्यर्थियों को समय दिए जाने की स्वीकृति दे दी है। इससे लगभग 8000 अभ्यर्थियों को अब दाखिला मिल सकेगा।

बीटीसी काउंसलिंग में इस साल काफी अभ्यर्थियों ने इंटरनेट की मार्क्सशीट दिखाई थी। इन अभ्यर्थियों को दाखिला देने से इन्कार कर दिया गया था।

इस पर अभ्यर्थियों ने अपील की थी कई विश्वविद्यालयों में इंटरनेट की मार्क्सशीट ही मिलती है, इसलिए इसे मान्य किया जाए। वहीं कई अभ्यर्थियों ने आवेदन के दौरान आरक्षण संबंधी दस्तावेज नहीं लगाए थे लेकिन काउंसलिंग के दौरान वे लेकर पहुंचे थे।

उन्होंने भी अपने प्रत्यावेदन दिए थे। ऐसे अभ्यर्थियों का तर्क था कि आवेदन में उन्होंने आरक्षित वर्ग लिखा है और काउंसलिंग स्थल पर मूल प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिए। लिहाजा उन्हें भी मौका दिया जाए।

इसी तरह कुछ ने आरक्षण की बात लिखी थी लेकिन काउंसलिंग स्थल पर प्रमाण पत्र नहीं उपलब्ध कराए। ऐसे अभ्यर्थियों के दाखिले अक्सर निरस्त हो जाते थे लेकिन अभ्यर्थियों ने सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी के तौर पर दाखिले की अपील की थी।

इसी को देखते हुए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(एससीईआरटी) ने शासन को इन संशोधनों के लिए प्रस्ताव भेजा था। शासन ने इन सभी संशोधनों को मान्य कर दिया है।

संशोधन का समय देने को कहाशासन ने आवेदन में अन्य त्रुटियों के लिए भी अभ्यर्थियों को संशोधन कराने का समय देने के निर्देश दिए हैं। ऐसे करीब 8000 अभ्यर्थी हैं।

इनमें 1500 ऐसे हैं जिन्होंने इंटरनेट की मार्क्सशीट लगाई थी। वहीं लगभग 6500 ऐसे हैं जिन्होंने अन्य संशोधनों के आधार पर दाखिले की अपील की थी।