Wednesday, January 8, 2014

अल्पसंख्यकों के एजुकेशन हब में अब निजी कॉलेज भी

अमर उजाला ब्यूरो

लखनऊ। अल्पसंख्यकों की शैक्षणिक हब योजना में अब निजी क्षेत्रों के कॉलेज भी शामिल किए जाएंगे। इसके लिए सरकार उन्हें अनुदान भी देगी। शर्त इतनी है कि ये कॉलेज उन क्षेत्रों में स्थापित होने चाहिए जहां कम से कम 25 प्रतिशत जनसंख्या अल्पसंख्यकों की हो। अल्पसंख्यक विभाग को यह निर्देश मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने दिए।
मुख्य सचिव मंगलवार को अल्पसंख्यक एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एजुकेशन हब योजना के बारे में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पहले चरण में 20 जनपदों में मॉडल इंटर कॉलेज खोले जाएंगे। इनमें कक्षा एक से लेकर 12 तक की पढ़ाई कराई जाएगी। साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल भी होंगे।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के ऐसे स्कूल, जिनके पास पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर है, उन्हें भी इस योजना में शामिल किया जा सकता है। शैक्षिक अवस्थापना का विस्तार करने के लिए सरकार इन्हें अनुदान भी देगी। इसके लिए शर्त यही है कि जिस ग्राम समूह या वार्ड में ये स्कूल स्थापित हैं, वहां कम से कम 25 प्रतिशत जनसंख्या अल्पसंख्यकों की होनी चाहिए। ऐसे क्षेत्रों में नए खुलने वाले स्कूलों को भी सरकार अनुदान देगी।
एजुकेशन हब में आने के बाद ऐसे स्कूलों को हर साल घोषित क्षमता के आधार पर कम से कम 50 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के नवीन छात्रों को प्रवेश देना होगा। पहले से चल रहे माध्यमिक स्तर के स्कूलों में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य में से कम से कम दो वर्ग की मान्यता अवश्य होनी चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा कि इसकी कार्य योजना का सक्षम स्तर पर जल्दी अनुमोदन प्राप्त कर लिया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।