Wednesday, January 8, 2014

शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर विकल्पों पर विचार

लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों में रखे गए 1.76 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन पर दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। पहला उन्हें टीईटी से छूट देने व दूसरा शिक्षक बनाने के बाद पांच साल के अंदर टीईटी पास करने का मौका देने का है। बेसिक शिक्षा विभाग इसका प्रस्ताव मुख्य सचिव जावेद उस्मानी और उनके माध्यम से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को देगा। मुख्यमंत्री के सुझाव पर कैबिनेट में मंजूरी के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। वहीं, शिक्षामित्रों ने मंगलवार को सचिव बेसिक शिक्षा से मिलकर अपने-अपने सुझाव दिए। सरकार चाहती है कि शिक्षामित्रों के समायोजन संबंधी निर्णय इसी माह हो जाए।
राज्य सरकार को पूर्व में जारी कार्यक्रम के अनुसार पहले चरण में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके 60 हजार शिक्षामित्रों को इसी माह शिक्षक पद पर समायोजित करना है। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने समायोजन की मांग को लेकर मंगलवार से राजधानी में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। वहीं, शासन में सोमवार को निदेशालय के अधिकारियों के साथ बैठक में सभी विकल्पों पर विचार किया गया था।
सूत्रों का कहना है कि निदेशालय से दो विकल्पों के आधार पर प्रस्ताव मांगा गया है। इसमें पहला यदि बिना टीईटी के शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जाता है तो कानूनी अड़चनें क्या हो सकती हैं व दूसरा उन्हें पहले शिक्षक बना दिया जाए और पांच साल के अंदर टीईटी पास करने का मौका दिया जाए।