Sunday, May 19, 2019

बाराबंकी: साढ़े चार करोड़ के मिड डे मील घोटाले में बीएसए का बाबू गिरफ्तार, 21 लाख रुपये बरामद


एमडीएम घोटाले में प्रधान लिपिक की गिरफ्तारी के बाद तीन बीएसए व दो लेखाधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। घोटाले में अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत एसपी ने भी दिए हैं। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। 
एमडीएम घोटाले की शुरूआत वर्ष 2012 में हुई लेकिन पैसे निकालने खेल 25 नवम्बर 2013 से शुरू हुआ था। सबसे पहले रहीमुद्दीन ने पीएनबी के खाते में 18 हजार रुपये भेजे थे। इसके बाद परिषदीय स्कूलों के नाम पर फर्जी आईडी नंबर से निजी खातों में रकम भेजकर घोटाले का खेल शुरू हो गया। 
दिसम्बर 2018 में बीएसए वीपी सिंह ने यह खेल पकड़ा लेकिन तब तक रहीमुद्दीन के खाते में तीन करोड़, 37 लाख रुपये, साधना के खाते में 41 लाख 22 हजार, रोजी के खाते में  करीब 49 लाख, रघुराज के खाते में करीब 55 लाख रुपये भेजे जा चुके थे।

एमडीमए के जिला समन्वयक राजीव शर्मा, रहीमुद्दीन, साधना, रोजी व रघुराज गिरफ्तार हो चुके हैं। आरोपियों से वसूली की शिकायत पर एसपी अजय साहनी ने टीम बदली तो पहली बार 21 लाख रुपये के साथ बीएसए कार्यालय का प्रधान लिपिक अखिलेश शुक्ला गिरफ्तार हुआ।

एसपी ने बताया कि जांच में अहम सुराग हाथ लगे हैं। 2013 से 2018 तक हुए एमडीएम घोटाले में इस अवधि में जिले में तैनात तीन बीएसए व दो लेखाधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं। इन पर कार्रवाई के बारे में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। 
शिकायत पर झूठी रिपोर्ट भेज दबाया मामला
एसपी ने बताया कि वर्ष 2013 और 2017 में कई बार लोगों ने बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत कर एमडीएम घोटाले के बारे में बताया लेकिन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपनी रिपोर्ट में किसी प्रकार की गड़बड़ी से इन्कार किया। ऐसे में अफसरों की मिलीभगत से घोटाला होने की पूरी आशंका है।