सरकार का फैसला
- फीसद से घटाकर चार फीसद किया अंशदान
- फीसद अब कर्मचारी तो 3.25 फीसद नियोक्ता देंगे
कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से सरकार ने
कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइ) अधिनियम के तहत अंशदान की दर को 6.5 से घटाकर 4 फीसद करने का फैसला
किया है। इससे नियोक्ताओं का अंशदान 4.75 से घटकर 3.25, जबकि कर्मचारियों का 1.75 से घटकर मात्र 0.75 फीसद रह जाएगा। घटी दरें पहली जुलाई से लागू होंगी। इससे 3.6 करोड़ कर्मचारियों तथा 12.85 लाख नियोक्ताओं को
फायदा पहुंचेगा। इससे कंपनियों को सालाना 5,000 करोड़ रुपये की राहत
मिलने की संभावना है।
श्रम मंत्रलय की ओर से जारी बयान के मुताबिक ‘सरकार ने
कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के तहत योगदान की दर को 6.5 से घटाकर
चार फीसद करने का फैसला किया है। इससे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। अब
नियोक्ता अधिक कर्मचारियों को ईएसआइ स्कीम का सदस्य बनाने के लिए प्रेरित होंगे।
साथ ही असंगठित क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी संगठित क्षेत्र का हिस्सा
बनेंगे।
इससे नियोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम होगा और उन्हें कारोबार चलाने में आसानी
होगी जो ‘ईज ऑफ
डूइंग बिजनेस’ के लिए
जरूरी है। इससे श्रम कानूनों के अनुपालन को बढ़ावा भी मिलेगा।’वर्तमान
में 12.85 लाख
नियोक्ताओं तथा 3.6
करोड़
कर्मचारियों द्वारा ईएसआइ स्कीम में हर साल लगभग 22,279 करोड़ रुपये का योगदान किया जाता है।
ईएसआइ एक्ट,
1948 के तहत
बीमा के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा के अलावा नकदी, मातृत्व, दिव्यांगता
तथा आश्रित श्रेणी के तहत अनेक लाभ मिलते हैं। इसके लिए कर्मचारी और नियोक्ता दोनो
अपने अपने हिस्से से अंशदान देते हैं। केंद्रीय श्रम मंत्रलय अंशदान की दर का
निर्धारण करता है।
सरकार ने कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए दिसंबर, 2016 से जून 2017 के दौरान
ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों के पंजीयन का अभियान चलाया था। इसी के साथ देश के
सभी जिलों को ईएसआइ स्कीम के दायरे में लाने का निर्णय भी लिया था।