एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में पेपर लीक उजागर होने के बाद भी प्रतियोगी
लंबित रिजल्ट जारी कराने पर अड़े हैं। सोमवार को बड़ी संख्या में प्रतियोगियों ने
यूपीपीएससी मुख्यालय का घेराव किया, वहीं प्रतियोगी
छात्रों का दूसरा गुट भर्ती को ही निरस्त करके उप्र लोकसेवा आयोग में व्याप्त
भ्रष्टाचार को खत्म करने की मुहिम छेड़े है। प्रयागराज शहर में इस मुद्दे को लेकर
कई जगहों पर आंदोलन प्रदर्शन हुए हैं।
प्रतियोगी मोर्चा के अनिल उपाध्याय व विक्की खान की अगुवाई में सैकड़ों
प्रतियोगी यूपीपीएससी मुख्यालय पहुंचे। पूर्वाह्न से लेकर शाम तक कार्यालय का
घेराव करके प्रदर्शन किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई। प्रतियोगियों ने कहा कि
सात विषयों का रिजल्ट आ चुका है,
अब शेष आठ
विषयों का भी परिणाम घोषित किया जाए। एसटीएफ की कार्रवाई से जो गतिरोध आया है, उसमें
प्रभावित हो रहे चिह्नित परीक्षार्थियों का रिजल्ट न दिया जाए। प्रतियोगियों ने यह
भी कहा कि वे एसटीएफ की कार्रवाई से क्षुब्ध हैं और जांच एजेंसी पर उन्हें भरोसा
नहीं है। इस मामले की जांच किसी न्यायमूर्ति या सीबीआइ से कराई जाए। लंबित रिजल्ट
हर हाल में एक माह में घोषित हों। यह भी कहा गया कि सत्यापन का कार्य रोका न जाए, हालांकि
शाम को आयोग ने इसे स्थगित कर दिया है। प्रतियोगी मंगलवार को डीएम कार्यालय पर
धरना देंगे।
दूसरे गुट ने सुनील मौर्य व अनुराग वर्मा की अगुवाई में डीएम कार्यालय पर
प्रदर्शन किया। प्रशासन को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया कि
आयोग के सचिव व अध्यक्ष को भी गिरफ्तार किया जाए। शिक्षक भर्ती छह माह में पूरी
कराई जाए। दो साल में हुई भर्तियों की जांच सेवानिवृत्त जजों के पैनल से कराई जाए।
आंदोलन करने वालों पर दर्ज मुकदमे वापस हों। वहीं, युवा मंच के अनिल सिंह का कहना है कि
यूपीपीएससी भ्रष्टाचारियों का बचा रहा है,
लेकिन उसकी
रणनीति काम आने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि एसआइटी जांच पूरी हुए बिना चयन
प्रक्रिया व सत्यापन को रोका जाए,
अन्यथा
निर्णायक आंदोलन शुरू होगा। पेपर लीक कांड में आयोग के जो भी अधिकारी व कर्मचारी
लिप्त हैं, उन पर कड़ी
कार्रवाई की जाए। प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए मंगलवार को रणनीति बनाएंगे।