Saturday, June 22, 2019

कुर्सी न मेज फिर भी बेसिक शिक्षा विभाग की उत्कृष्ट स्कूलों की सूची में शामिल


बेसिक शिक्षा विभाग ने उत्कृष्ट स्कूलों की सूची जारी की है, जिसपर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि जिन स्कूलों में कुर्सी-मेज तक नहीं हैं, छात्र संख्या कम है, उन्हें भी उत्कृष्ट स्कूल की सूची में शामिल कर लिया गया है। वहीं अधिक छात्र संख्या व सुविधाओं वाले स्कूल सूची से गायब हैं। 
बेसिक शिक्षा विभाग हर साल उत्कृष्ट स्कूलों को पुरस्कृत करता है। इसके लिए निदेशक स्तर पर आवेदन मांगे जाते हैं। स्कूलों में सुविधाएं, छात्र संख्या, पठन-पाठन की पूरी जानकारी देनी होती है, फिर भौतिक सत्यापन के बाद उत्कृष्ट स्कूल चयनित होते हैं। 
शुक्रवार को निदेशक ने जो सूची जारी की, उस पर शिक्षकों ने सवाल खड़े किए हैं। इनका आरोप है कि बिना भौतिक सत्यापन स्कूलों का चयन हुआ है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर हुई शिकायत में कहा गया कि व्यक्तिगत सांठगांठ से स्कूलों का चयन हुआ है। मेहनत करके बेहतर प्रदर्शन कर रहे स्कूलों व शिक्षकों की अनदेखी हुई है।
 प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा है कि कमेटी को आवेदन करने वाले स्कूलों का भौतिक सत्यापन व मूल्यांकन करवाकर ही उन्हें पुरस्कृत करना चाहिए। 
बाहर हो गए पात्र स्कूल : शिक्षकों का आरोप है कि लखनऊ से कई स्कूलों ने आवेदन किया था, लेकिन जांच के बिना ही स्कूलों का चयन हो गया। मसलन लखनऊ के प्राथमिक विद्यालय गडेरियन चिनहट ने आवेदन किया था। यहां करीब 200 छात्र हैं, कम्प्यूटर की सुविधा, खेल का मैदान और कुर्सी-मेज की व्यवस्था भी है। फिर भी इसे सूची से बाहर कर दिया गया और कम छात्र संख्या वाले स्कूल चयनित हो गए।
84 स्कूलों को मिलेगा पुरस्कार
बेसिक शिक्षा विभाग इस बार प्रदेश के 84 स्कूलों को उत्कृष्ट स्कूल पुरस्कार से नवाजेगा। इसमें लखनऊ के दो स्कूल, प्राथमिक विद्यालय डौडा मोहनलालगंज व पूर्व माध्यमिक विद्यालय उत्तरधौना चिनहट शामिल हैं। सबसे अधिक पुरस्कार जौनपुर के स्कूलों के हिस्से में आए हैं।