निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की सेवा नियमावली जल्द जारी की जाए ताकि
शिक्षकों को अंशकालिक की जगह पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा मिल सके। इन शिक्षकों को
समान कार्य का समान वेतनमान दिया जाए। यह मांग कैसरबाग में गांधी भवन में आयोजित
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की ग्रीष्मकालीन सम्मेलन व शैक्षिक गोष्ठी में
जोर-शोर से उठाई गई।
संघ के अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि डिप्टी सीएम
डॉ. दिनेश शर्मा ने लोकसभा चुनाव से पहले आश्वास्त किया था कि प्राइवेट स्कूलों के
शिक्षकों को सम्मान दिया जाएगा। पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में इन शिक्षकों की
सेवा नियमावली जारी होने की उम्मीद थी,
लेकिन ऐसा
न होने से उन्हें निराशा हाथ लगी है। संघ इन शिक्षकों को न्याय दिलाने के लिए
संकल्पित है और वह इसके लिए अब आंदोलन छेड़ेगा। ग्रीष्मकालीन सम्मेलन में पांच प्रस्ताव
शिक्षकों ने पास किए।
शिक्षकों से विरोध का हक छीनना नाइंसाफी
सम्मेलन में ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों पर
सरकार के विरोध में नारेबाजी व आंदोलन करने की पाबंदी लगाने का फैसला तुगलकी है।
इसका सभी शिक्षक एकजुट होकर विरोध करेंगे। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला
है।